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________________ श्रीमद्न्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सत्र शतकं 8 3.0] [ 269 पंचेव आणुपुब्बी चरिया सेन्जा वहे य रोगे य। तणफास जल्लमेव य एकारस वेदणिज्जमि॥१॥५। दसणमोहणिज्जे णं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति ?, गोयमा ! एगे दंसणपरीसहे समोयरइ 6 / चरित्तमोहणिज्जे णं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति ?, गोयमा ! सत्त परीसहा समोयरंति, तंजहा-अरती अचेल इत्थी निसीहिया जायणा य अकोसे / सकारपुरकारे चरित्तमोहंमि सत्तेते // 1 // 7 / अंतराइए णं भंते ! कम्मे कति परीसहा समोयरंति ?, गोयमा ! एगे अलाभपरीसहे समोयरइ८ / सत्तविहबंधगस्स णं भंते ! कति परीसहा पराणत्ता ?, गोयमा! बावीसं परीसहा पराणत्ता, वीसं पुण वेदेइ, जं समयं सीयपरीसहं वेदेति णो तं समयं उसिणपरीसहं वेदेइ जं समयं उसिणपरीसहं वेदेइ णो तं समयं सीयंपरीसहं वेदेइ, जं समयं चरियापरीसहं वेदेति णो तं समयं निसीहियापरीसहं वेदेति जं समयं निसीहियापरीसहं वेदेइ णो तं समयं चरियापरीसहं वेदेइ 1 / अट्टविहबंधगस्स णं भंते ! कति परीसहा पराणता ?, गोयमा ! बावीसं परीसहा पराणत्ता, तंजहा-छुहापरीसहे पिवासापरीसहे सीयपरीसहे दंसपरीसहे मसगपरीसहे जाव अलाभपरीसहे एवं अविहबंधगस्सवि सत्तविहबंधगस्सवि 10 / छविहबंधगस्स णं भंते ! सरागछउमत्थस्स कति परीसहा पराणता ?, गोयमा ! चोइस परीसहा पराणत्ता, बारस पुण वेदेइ, जं समयं सीयपरीसहं वेदेइ णो तं समयं उसिणपरीसहं वेदेइ जं समयं उसिणपरीसहं वेदेइ नो तं समयं सीयपरीसहं वेदेइ, जं समयं चरियापरीसहं वेदेति णो तं समयं सेजापरीसहं वेदेइ जं समयं सेजापरीसहं वेदेति णो तं समयं चरियापरीसहं वेदेइ 11 / एकविहबंधगस्स णं भंते ! वीयरागछउमत्थस्स कति परीसहा पराणत्ता ?, गोयमा ! एवं चेव जहेव छविहबंधगस्स णं 12 / एगविहबंधगस्स णं भंते ! सजोगिभवत्थकेवलिस्स कति परीसहा परणता ?, गोयमा !
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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