SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 229
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 213] श्रीमदागंमसुधासिदितीयो विमानः वत्तव्वं सिया 1 / त्थि णं भंते ! पभूवि अकामनिकरणं वेदणं वेदंति ?, हता गोयमा ! अस्थि 2 / कहन्नं भंते ! पभूवि अकामनिकरणं वेदणं वेदेति ?, गोयमा ! जे णं णो पभू विणा पदीवेणं अंधकारसि स्वाई पासित्तए, जे णं नो पभू पुरो स्वाइं अणिज्झाइत्ता णं पासित्तए, जे णं नो पभू मग्गयो रुवाई अणवयक्खित्ता णं पासित्तए, जे णं नो पभू पासो रुवाई अणवलोएता (अणुलोइत्ता) णं पासित्तए, जे णं नो पभू उ8 रुवाई प्रणालोएत्ता णं पासित्तए, जेणं नो पभू अहे रूवाई प्रणालोयएत्ता णं पासित्तए, एस णं गोयमा ! पभूवि अकामनिकरणं वेदणं वेदेति 3 / अत्थि णं भंते ! पभूवि पकामनिकरणं वेदणं वेदेति ?, हंता त्थि 4 / कहन्नं भंते ! पभूवि पकामनिकरणं वेदणं वेदंति ?, गोयमा ! जे णं नो पभू समुदस्स पारं गमित्तर जे णं नो पभू समुदस्स पारगयाई रुवाई पासित्तए जे णं नो पभू देवलोगं गमित्तए जे णं नो पभू देवलोगगयाई ख्वाइं पासित्तए, एस णं गोयमा ! पभूवि पकामनिकरणं वेदणं वेदेति 5 / सेवं भंते ! सेवं भंते ! ति जाव विहरति 6 // सूत्र 212 // सत्तमस्स सत्तमो उद्दे सो समत्तो॥ // इति सप्तमशतके सप्तम उद्देशकः // 7-7 // // अथ सप्तमशतके छद्मस्थाख्या-ष्टमोद्देशकः // छउमत्थे णं भंते ! मासे तीयमगांतं सासयं समयं केवलेगां संजमेणां एवं जहा पढमसए चउत्थे उद्देसए तहा भाणियव्वं जाव अलमत्थु ।।सूत्रं 213 // से गूगां भंते ! हत्थिस्स य कुथुस्स य समे चेव जीवे ?, हंता गोयमा ! हत्थिस्स कुंथुस्स य, एवं जहा रायप्पसेणइज्जे जाव खुड्डियं वा महालियं वा से तेण?णं गोयमा ! जाव समे चेव जीवे // सूत्र 214 // नेरइयाणं भंते ! पावे कम्मे जे य कडे जे य कजइ जे य कजिस्सइ सवे से दुक्खे ?
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy