________________ श्रीमव्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती स्त्र में शराकं 7 // उ० 4 ] बुचइ नेरझ्याणं जा वेयणा न सा निजरा जा निजरा न सा वेयणा ?, गोयमा ! नेरइयाणं कम्म वेदणा णोकम्म निजरा, से तेणटेणं गोयमा ! जाव न सा वेयणा, एवं जाव वेमाणियाणं ४।से नूणं भंते ! वेदेंसु तं निजरिंसु जं निजरिंसु तं वेद॑सु ? णो तिण? सम? 5 / से केण?णं भंते ! एवं बुबइ जं वेदेंसु नो तं निजरेंसु जं. निजरेंसु नो तं वेद॑सु ?, गोयमा ! कम्मं वेदेसु नोकम्मं निजरिंसु, से तेण?णं गोयमा ! जाव नो तं वेदेस, नेरझ्या णं भंते ! जं वेदेंसु तं निजरिंसु ? एवं नेरइयावि एवं जाव वेमाणिया 6 / से नूणं भंते ! जं वेदेति तं निजरेंति जं निजरेंति तं वेटेंति ?, गोरमा ! णो तिणढे सम? 7 / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ जात्र नो तं वेदेति ?, गोयमा ! कम्मं वेदेति नोकम्म निजरेंति, से तेण?णं-गोयमा ! जाव नो तं वेदेति, एवं नेरइयावि जाव वेमाणिया 8 / से नूणं भंते ! जं वेदिस्संति तं निजरिस्संति जं निजरिस्संति तं वेदिस्संति?, गोयमा ! णो तिण? सम? / से केणटेणं जाव णो तं वेदेस्संति ?, गोयमा! कम्मं वेदिस्सति नोकम्मं निजरिस्संति,से तेणटेणं जाव नो तं निजरिस्संति,एवं नेरइयावि जाव वेमाणिया 10 / से गुणं भंते ! जे वेदणासमए से निजरासमए जे निजरासमए से वेदणासमए ?, नो तिण? समढे 11 / से केणटुणं भंते ! एवं वुच्चइ जे वेंगणासमए न से निजरासमए जे निजरासमर न से वेदणासमए !, गोयमा ! जं समयं वेदेंते नो तं समयं निजरेंति जं समयं निजरेंति नो तं समयं वेदेति, अनम्मि समए वेदेति अनम्मि ममए निजरेंति अन्ने से वेदणासमए अन्ने से निजरासमए, से तेणद्वेणं जाव न से निजरासमए न से वेदणासमए 12 / नेरइयाणं भंते ! जे वेदणासमए से निजरासमए ? जे निजरासमए से वेदणासमए ?, गोयमा ! णो तिण? समढे 13 / से केण?णं भंते ! एवं वुचइ नेरइयाणं जे वेदणासमए न से निजरासमए जे निजरासमए न से वेदणासमए ?, गोयमा ! नेरइया ग जं समयं वेदेति