SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 219
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 202] :- [श्रीमदार्गमसुवासिन्धुः द्वितीयो विभागः बीयजीवफुडा फलजीवपडिबद्धा तम्हा याहारेति तम्हा परिणामेति 2 // सूत्रं 276 // अह भंते ! थालुए मूलए सिंगबेरे हिरिली सिरिलि सिसिरिली किट्टिया छिरिया छीरिविरालिया कराहकदे वजकंदे सूरणकदे खेलूडे अदए भहमुत्था पिंडहलिदा लोही णीहू थीह थिरूगा मुग्गकन्नी अस्सकन्नी सीहकनी सीहंदी मुसुदी जे यावन्ने तहप्पगारा सब्वे ते अतजीवा विविहसत्ता ?, हंता गोयमा ! श्रालुए मूलर जाव अणंतजीवा विविहसत्ता (चित्ताविहि) // सूत्रं 277 // सिय भंते! कराहलेसे नेरइए अप्पकम्मतराए नीललेसे नेरइए महाकम्मतराए ?, हंता गोयमा ! सिया 1 / से केण?णं भंते ! एवं वुच्चइ-कराहलेसे नेरइए अप्पकम्मतराए नीललेसे नेरइए महाकम्मतराए ?, गोयमा ! दिति पडुच्च, से तेणटेणं गोपमा ! जाव महाकम्मतराए 2 / सिय भंते ! नीललेसे नेरइए अपकम्मतराए काउलेसे नेरइए महाकम्मतराए ?, हंता सिया 3 | से केणटेणं भंते ! एवं वुचति-नीललेसे अप्पकम्मतराए काउलेसे नेरइए महाकम्मतराए ?, गोयमा ! ठितिं पडुच, से तेण?णं गोयमा ! जाव महाकम्मतराए 4 / एवं असुरकुमारे वि, नवरं तेउलेसा अमहिया एवं जाव वेमाणिया, जस्स जइ लेसायो तस्स तत्तिया भाणियब्वायो, जोइसियस्स न भन्नइ 5 / जाब सिय भंते ! पम्हलेसे वेमाणिए अप्पकम्मतराए सुकलेसे वेमाणिए महाकम्मतराए ?, हंता सिया 6 / से केण?णं जाव सिया ? सेसं जहा नेरइयस्स जाव महाकम्मतराए। सूत्रं 278 // से नूणं भंते ! जा वेदणा सा निजरा जा निजरा सा वेदणा ?, गोयमा ! णो तिण8 सम? 1 / से केणतुणं भंते ! एवं वुचई जा वेपणा न सा निजरा जा निजरा न सा वेयणा ?, गोयमा ! कम्म वेदणा णोकम्म निजरा, से तेणटेणं गोयमा ! जाव न सा वेदणा 2 / नेरइयाणं भंते !जा वेदणा सा निजरा जा निजरा सा वेयणा ?, गोयमा ! णो तिण्डे सम? 3 / से केणद्वेणं भंते ! एवं
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy