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________________ भीमदागमसुधासिन्धुः / द्वितीयो विमानः रयणप्पभाए पुढवीए श्रहे उराला बलाहया संसेयंति संमुच्छंति वासं वासंति ?, हंता अस्थि, तिन्निवि पकरेंति देवोवि पकरेति असुरोवि पकरेति नागोवि पकरेति 4 / अस्थि णं भते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए बादरे थणियसबे ?, हेता अस्थि, तिन्निवि पकरेंति 5 / अस्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे बादरे अगणिकाए ?, गोयमा ! नो तिण? सम8, नन्नत्थ विग्गहगतिसमावन्नएणं 6 / अस्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे चंदिम जाव ताराख्वा ?, नो तिण? समढे 7 / अत्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुटवीए चंदाभाति वा 2 ?, णो इण8 सम?, एवं दोबाणवि पुढविए भाणियब्वं, एवं तच्चाएवि भाणियव्वं, नवरं देवो वि पकरेति असुरोवि पकरेति णोणागो पकरेति, चउत्थाएवि एवं नवरं देवो एकोपकरेति नो असुरो एको पकरेतिनो नागो एको पकरेति, एवं हेडिल्लासु सव्वासु देवो एको पकरेति 8 / अस्थि णं भंते ! सोहम्मीसाणाणं कप्पाणं अहे गेहाइ वा 2 ?, नो इण? सम? 1 / अस्थि णं भंते ! उराला बलाहया ? हंता अस्थि, देवो पकरेति असुरोवि पकरेइ नो नायो पकरेइ, एवं थणियसहोवि 10 / अत्थि णं भंते ! बायरे पुढविकाए बादरे अगणिकाए ?, णो इण8 समठे, नराणस्थ विग्गहगति-समावन्नएणं 11 / थथि णं भंते ! चंदिम-सूरिय-गहगण-नवखत्त-ताराख्वा ?, णो तिण? सम? .12 / अस्थि णं भंते ! गामाइ वा ?, णो तिण? सम? 13 / अस्थि णं भंते ! चंदाभाति वा ?, गोयमा / यो तिण8 सम? 14 / एवं सणकुमारमाहिदेसु नवरं देवो एगो पकरेति 15 / एवं बंभलोएवि 16 / एवं बंभलोगस्स उवरि सबहिं देवो पकरेति, पुच्छियव्वो य, बायरे पाउकाए बायरे अगणिकाए बायरे वणस्सइकाए, अन्नं तं चेव 17 / गाहा-तमुकाए कप्पपणए अगणी पुढवी य अगणि पुढवीसु / श्राऊतेउवणस्सइ कप्पुपरिमकराहराईसु // 1 // सूत्रं 241 //
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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