________________ श्रीमद्व्याच्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्र : शतकं 6 : उ०८] सागरोवमकोडाकोडीयो कालो सुसमदूसमा 3 एगा सागरोवमकोडाकोडी बायालीसाए वाससहस्सेहिं उणिया कालो दूसमसुसमा 4 एकवीसं वाससहस्साई कालो दूसमा 5 एकवीसं वाससहस्साई कालो दूसमदूसमा 6, 4 / पुणरवि श्रोसप्पिणीए एकवीसं वाससहस्साई कालो दूसमदूसमा 1 एकवीसं वाससहस्साइं जाव चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीयो कालो सुसमसुसमा, दस सागरोवमकोडाकोडीयो कालों श्रोसप्पिणी दस सागरोवमकोडाकोडीयो कालो उस्सप्पिणी, वीसं सागरोवमकोडाकोडीयो कालो श्रोसप्पिणी. य उस्सप्पिणी य 5 // सूत्रं 247 // जंबद्दीवे णं भंते ! दीवे इमीसे श्रोसप्पिणीए मुसमसुसमाए समाए उत्तमट्टपत्ताए: भरहस्स वासस्स केरिसए यागारभावपडोयारे होत्था ?, गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे होत्था, से जहानामए-श्रालिंगपुक्खरेति वा एवं उत्तरकुरुवत्तव्वया नेयवा जाव ग्रासयंति सयंति, तीसे णं समाए भारहे वासे तत्थ 2 देसे 2 तहिं 2 बहवे अोराला कुदाला जाव कुस-विकुस-विसुद्ध-रुक्खमूला जाव छबिहा मणुस्मा अणुसजित्था पराणत्ता, तंजहा-पम्हगंवा. 1 मियगंधा 2 श्रममा 3 तेयली 4 सिहासणिं 5 चारि 6, 1 / सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति जाब विहरति 2 // सूत्रं 248 // // इति षष्टशतके सप्तम उद्देशकः // 6-7 // // अथ षष्ठशतके पृथिवीनामकाष्टमोद्देशकः // . / कइ णं भंते ! पुस्खीयो पन्नत्तायो?, गोयमा ! अट्ठ पुढवीयो पराणत्तायो, तंजहा-रयणप्पभा जाव इसीप्प भारा 1 / अस्थि णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए अहे गेहाति वा गेहावणाति या ?, गोयमा ! णो तिणढे सम? 2 / अस्थि aaN भंते ! इमीसे स्यणप्पभाए अहे गामाति वा जाव संनिवेसाति वा ? नो तिणढे सम? 3 / अस्थि णं भंते / इमीसे 24