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________________ 164] भीमदागमसुधासिन्धुः रितीयो दिमागः 2 ति जाव विहरति 2 // सूत्रं 227 // पंचमे सए नवमो उद्देसो समत्तो॥ ॥इति पञ्चमशतके नवम उद्देशकः / / 5-6 // // अथ पञ्चमशतके चंपाचंदिमाख्य-दशमोद्देशकः // तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपानामं नयरी जहा पढमिल्लो उद्दसत्रो तहा नेयम्वो एसोवि, नवरं चंदिमा माणियव्वा // सूत्रं 228 // पंचमे सए दसमो उद्दे सो समत्तो // पंचमं सयं समत्तं // // इति पञ्चमशतके दशम उद्देशकः // 5-10 // // इति पञ्चमं शतकम् // 5 // // अथ षष्ठशतके वेदनाख्य-प्रथमोद्देशकः // वेयण 1 श्राहार 2 महस्सवे य 3 सपएस 4 तमुए य५ / भविए 6 साली 7 पुढवी = कम्म 1 अनउत्थी 10 दस छट्टगंमि सए // 1 // से नूणं भंते ! जे महावेयणे से महानिजरे जे महानिजरे से महावेदणे, महावेदणस्स य अप्पवेदणस्स य से सेए जे पसत्थनिजराए ?, हता गोयमा ! जे महावेदणे एवं चे 1 / छट्ठसत्तमासुणं भंते ! पुढवीसु नेरइया महावयणा ?, हंता महावेयणा 2 / ते णं भंते ! समणेहितो निग्गंथेहितो महानिजरतरा ?, गोयमा ! णो तिण? समढे 3 / से केणटुणं भंते ! एवं वुच्चइ जे महावेदणे जाव पसत्थनिजराए ?, गोयमा ! से जहानामएदुवे वत्था सिया, एगे वत्थे कदमरागरते एगे वत्थे खंजणरागरत्ते, एएसि णं गोयमा ! दोराहं वत्थ कयरे वत्थे दुधोयतराए चेव दुवामतराए चेव दुपरिकम्मतराए चेव कयरे वा वत्थे सुधोयतराए चेव सुवामतराए चेव सपरिकम्मतराए चेव ?, जे वा से वत्थे कद्दमरागरते जे वा से वत्थे
SR No.004363
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages468
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size11 MB
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