________________ 278 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: प्रथमो विभागः पन्नत्ता१।पुरखरखरदीवड्डपुरच्छिमद्धेणं मंदरस्स पब्वयस्म उत्तरदाहिणेणं दो वासा पत्नत्ता बहुसमतुल्ला जाव भरहे चेव एरवए चेव तहव जाव दो कुरायो पन्नत्तानो देवकुरा चेव उत्तरकुरा चेव। तत्थ ग दो महतिमहालता महद्दुमा पन्नत्ता तंजहा- कूडसामली चेव पउमरुक्खे चेव, देवा गरुने चेव वेणुदेवे पउमे चेव, जाव छविहंपि कालं पञ्चणुभवमाणा विहरंतिः। पुक्खरवरदीवड्ड६च्चच्छिाद्धे णं मंदरस्स पब्वयस्म उत्तरदाहिणेणं दो वाला पन्नत्ता तंजहातहेब णाणत्तं कूडसामली चेव महापउमरुक्खे चेव, देवा गरुले चेव वेणुदेवे पुंडरीए चेव / पुक्खरवरदीव णं दीवे दो भरहाई दो एरवयाई जाव दो मंदरा दो मंदरचूलियायो 5 / पुक्खरवरस्स णं दीवस्म वेइया दो गाउयाई उड्डमुञ्चत्तेगां पन्नत्ता६ / सव्वेसिपि णं दीवसमुदाणं वेदियायो दो गाउयाई उड्डमुच्चत्तेणं पराणत्तायो 7 (सू० 13) / दो असुरकुमारिंदा पन्नत्ता, तं जहा-चमरे चेव बली चे 1 से णागकुमारिंदा पण्णत्ता, तंजहा-धरणे चेच भूयाणंदे व 2 / दो सुवन्नकुमारिंदा पन्नत्ता तंजहा-वेणुदेवे चेव वेणुदाली चेव 3 / दो विज्जुकुमारिंदा पन्नत्ता तंजहाहरिच्चेव हरिस्सहे चेव 4 / दो अग्गिकुमारिंदा पन्नता तंजहा-अग्गिसिंह चेत्र अग्गिमाणवे चे 5 / दो दीवकुमारिंदा पन्नता तंजहा-पुन्ने चेव विसिष्टु चेच 6 / दो उदहिंकुमारिंदा पन्नत्ता तंजहा-जलते चेव जलप्पभे चेव 7 दो दीसाकुमारिंदा पन्नत्ता तंजहा-घमियगती चेव अमितवाहणे चेव - दो वातकुमारिंदा पन्नत्ता तंजहा-वेलंक व पोंजो चेव / दो थणियकुमारिंदा पन्नत्ता तंजहा-घोसे चेव महाघोसे चेव 10 / दो पिसाइंदा पन्नत्तातंजहा-काले चेव महाकाले चेव 11 / दो भूइंदा पन्नत्ता तंजहा-सुरूवे चेत्र पडिरूवे चेव 12 / दो जक्खिदा पन्नत्ता, तंजहा-पुन्नभद्दे चेव माणिभद्दे चेव 13 / दो रक्खसिंदा पन्नत्ता तंजहा-भीमे चेव महाभीमे चेत्र 14 दो किनरिंदा पन्नत्ता, तंजहा-किन्नरे चेव किंपुरिसे व 15 / दो किंपुरि.