________________ श्रीमत्स्थानाङ्गसूत्रम् :: श्रुतस्कंधः 2 अध्ययनं 7 ] [ 277 हिरीतो देवीयो (65) एवं जाय दो पुंडरीयदहा दो पोंडरीयदहवासिणीयो लछोदेवी यो, दो गंगापवायदहा जाव दो रत्तवतिपवातदहा दो रोहियायो (70) जाव दो रुप्पकूलातो दो गाहवतीयो दो दहवतीयो दो पंकवतीयो वेगवतीयो दो तत्तजलायो दो मत्तजलायो दो उम्मत्तजलायो दो खीरोयायो खारोदारो दो सीहसीयासोतायो दो अंतोवाहिणीयों (80) दो उम्मिमालिणीयो दो फेणगंभीरमालिणीयो दो गंभीरफेणमालिणीयो दो कच्छा दो सुकच्छ। दो महाकच्छा दो कच्छगावती दो श्रावत्ता दो मंगलावत्ता दो पुक्खला (10) दो पुक्खलावई दो वच्छा दो सुवच्छा दो महावच्छा दो वच्छगावती दो रम्मा दो रम्मगा दो रमणिज्जा दो मंगलावती दो पम्हा (100) दो सुपम्हा दो महपम्हा दो पम्हगावती दो संखा दो णलिणा दो कुमुया दो स(ण)लिला(णा वती दो वप्पा दो सुवप्पा दो महावल्पा (110) दो वप्पगावती दो वग्गू दो सुवागू दो गंधिला दो गंधिलावती 32 दो खेमायो दो खेमपुरीयो दो रिटायो दो रिट्ठपुरीयो दो खग्गीतो (120) दो मंजुसायो दो ग्रोसधीयो दो पोंडरिगिणीयो दो सुमीमायो दो कुंडलायो दो अपराजियायो दो पभंकरायो दो अंकावईयोदो पम्हापईयो दो सुभायो (130) दो रयणसंचयायो दो पासपुरायो दो सीहपुरायो दो महापुरायो दो विजयपुरायो दो याराजितायो दो अवरायो दो असोयायो दो विगयसोगायो दो विजयातो (140) दो वेजयंतीयो दो जयंतीयो दो अपराजियायो दो चक्रपुरायो दो खग्गपुरायो दो अवज्झायो दो अउज्झायो 32 दो भद्दसालवणा दो णंदणवणा दो सोमणसवणा (150) दो पंडगवणाई दो पंडुकंबलसिलायो दो अतिपंडुकंबलसिलायो दो रत्तकंबलसिलायो दो अइर तबलसिलायो दो मंदरा दो मंदरचूलितायो (157) धायतिसंडस्स णं दीवस्स वेदिया दो गाउयाई उद्ध,मुच्चत्तेणं पनत्ता 5 / (सूत्रं 12) कालोदस्स णं समुद्दरस वेइया दो गाउयाइं उट्ट उच्चत्तेणं