________________ 392 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः : प्रथमो विमानः तंजहा-अंबट्ठा य कलंदा य, वेदेहा वेदिगातिता। हरिता चुचुणा चेव, छप्पेता इन्भजातियो॥ 1 // छविधा कुलारिता मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहाउग्गा भोगा राइन्ना इक्खागा णाता कोरबा // सू० 417 // छविधा लोगट्ठिती पन्नत्ता तंजहा-पागासपतिट्ठिते वाए वायपतिट्टिए उदही उदधिपतिट्ठिता पुढवी पुढविपइट्ठिया तसा थावरा पाणा अजीवा जीवपइट्ठिया जीवा कम्मपतिट्ठिया // सू० 418 // छदिसायो पत्नत्तानो तंजहा--पातीणा पडीणा दाहिणा उतीणा उड्डा अधा 1 / छहिं दिसाहिं जीवाणं गती पवत्तति, तंजहा--पाणाते जाव अधाते 2 एवमागई 3 वक्कंती 4 श्राहारे 5 वुड्डी 6 निवुड्डी 7 विगुब्बणा 8 गतिपरिताते 1 समुग्धाते 10 कालसंजोगे 11 दंसणाभिगमे 12 णाणाभिगमे 13 जीवाभिगमे 14 अजीवाभिगमे 15, एवं पंचिंदियतिरिवखजोणियाणवि मणुरसाणवि 16 // सू० 411 // छहिं गणेहिं समणे निग्गंथे श्राहारमाहारमाणे णातिकमति, तंजहा-वेयणवेयावच्चे ईरियटाए य संजमट्ठाए। तह पाणवत्तियाए छटुं पुण धम्मचिंताए // 1 // छहि ठाणेहिं समणे निग्गंथे थाहारं वोच्छिदमाणे णातिकमति, तंजहा-यातंके उवसग्गे तितिवखणे बंभचेरगुत्तीते / पाणिदयातवहेउं सरीरवुच्छेयणट्टाए // 1 // सू० 500 // छहिं ठाणेहिं श्राया उम्मायं(उम्मायपमायं) पाउणेजा, तंजहा-यरहंताणमवराणं वदमाणे, अरहंतपन्नत्तस्स धम्मस्स अवन्नं वदमाणे, पायरियउवमायाणमवन्नं वदमाणे, चाउव्वनस्स संघस्स अवन्नं वदमाणे, जक्खावेसेण चेव, मोहणिजस्स चेव कम्मस्स उदएणं // सू० 501 // छबिहे पमाते पन्नत्ते, तंजहा-मजपमाए. णिदपमाते विसयपमाते कसायपमाते जूतपमाते पडिलेहणापमाए // सू० 502 // छविधा पमायपडिलेहणा पन्नत्ता, तंजहा-बारभडा संमदा वज्जेयव्वा य मोसली ततिता (अट्ठाणठवणाय)। पप्फोडणा चउत्थी वक्खित्ता वेतिया छट्ठी // 1 // छविहा अप्पमायपडिलेहणा पन्नत्ता तंजहा