________________ धीमत्स्थानाङ्गायत्रम् :: अध्ययनं 6 ] [361 संमुच्छिममणुस्सा० ३-कम्मभूमगा 1 कम्मभूमगा 2 अंतरदीवगा 3, गब्भवक्कंतित्रमणुस्सा. ३-कम्मभूमिगा 1 अकम्मभूमिगा 2 अंतरदीवगा 3 // सू० 410 // छव्विहा इड्डीमंता मणुस्सा पन्नत्ता, तंजहा-श्ररहंता चक्कवट्टी बलदेवा वासुदेवा चारणा विजाहरा / छविहा अणिड्डीमंता मणुस्सा पनत्ता, तंजहा-हेमवंतगा हेरनवंतगा हरिवंसगा रम्मगवंसगा कुरुवासिणो अंतरदीवगा // सू० 411 // छबिहा श्रोसप्पिणी पन्नत्ता तंजहा-सुसमसुसमा जाव दूसमदूसमा 1 / छविहा श्रोसप्पिणी पन्नत्ता तंजहा-दुस्समदुस्समा जाव सुसमसुसमा 2 // सू० 412 // जंबुद्दीवे (2) भरहेरवएसु वासेसु तीताए उस्सप्पिणीते सुसमसुसमाते समाए मणुया छच्च धणुसहस्साई उडमुञ्चत्तेणं हुत्था, छच्च श्रद्धपलिश्रोवमाइं परमाउं पालयित्था 1 / जंबुद्दीवे (2) भरहेरवतेसु वासेसु इमीसे श्रोसप्पिणीते सुसमसुसमाते समाए एवं चेव 2 / जंबूद्दीवे (2) भरहेरखते आगमेस्साते उस्सप्पिणीते सुसमसुसमाते समाए एवं चेव जाव छच्च अद्धपलियोवमाई परमाउं पालतिस्संति 3 / जंबुहीवे (2) देवकुरुउत्तरकुरासु मणुया छवणुस्सहस्साई उट्ठ उच्चत्तेणं पन्नत्ता, छच्च श्रद्धपलिश्रोवमाई परमाउं पालेंति 4 / एवं धायइसंडदीवपुरच्छिमद्धे चत्तारि श्रालावगा जाव पुक्खरवरदीवड्डपञ्चच्छिमद्धे चनारि श्रालावगा 5 // सू० 413 // छबिहे संघयणे पन्नत्ते तंजहा-वतिरोसभणारातसंघयणे उसभणारायसंघयणे नारायसंघयणे श्रद्धनारायसंघयणे खीलितासंघयणे छे(से)व. ट्ठसंघयणे // सू. 414 // छबिहे संगणे पनत्ते तंजहा-समचउरंसे णग्गोहपरिमंडले साती खुज्जे वामणे हुँडे // सू० 415 // छठाणा श्रणतवयो अहिताते असुभाते अखमाते अनीसे(य)साए अणाणुगामियत्ताते भवंति, तंजहा-परिताते परिताले सुते तवे लाभे पूतासकारे 1 / छट्ठाणा श्रत्तवता हिताते जाव प्राणुगामियत्ताते भवंति, तंजहा-परिताते परिताले जाव पूतासकारे 2 // सू० 416 // छब्बिहा जाइबारिया मणुस्सा पन्नत्ता,