________________ 352 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः प्रथमो विभागः एगे परिन्नातकम्मेवि 4, 10 / पत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा -परिन्नायकम्मे णाममेगे नो परिन्नातगिहावासे परिन्नायगिहावासे णामं एगे णो परिन्नातकम्मे 4, 11 / चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा -परिराणायसन्ने णाममेगे नो परिन्नातगिहावासे परिन्नातगिहावासे णामं एगे० 4, 12 / चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा-इहत्थे णाममेगे नो परत्थे परत्थे नाममेगे नो इहत्थे 4, 13 // चत्तारि पुरिसजाता पनत्ता तंजहा-एगेणं णाममेगे वड्डति एगेणं हायति एगेणं णाममेगे वड्डइ दोहिं हायति दोहिं णाममेगे वड्डति एगेणं हातति एगे दोहिं नाममेगे वड्डति दोहिं हायति, 14 / चत्तारि (प)कंथका पन्नत्ता तंजहा-पाइन्ने नाममेगे पाइन्ने पाइन्ने नाममेगे खलु के खलु के नाममेगे श्राइन्ने खलु के नाममेगे खलुके 4, 15 // एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा-याइन्ने नाममेगे पाइन्ने चउभंगो, 16 / चत्तारि कंथगा पन्नत्ता तंजहा-पातिन्ने नाममेगे यातिन्नताते विहरति श्राइन्ने नाममेगे खलुकत्ताए विहरति 4, 17 एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा-याइन्ने नाममेगे श्राइन्नताए विहरइ (वहइ), चउभंगो, 18 / चत्तारि पकंथगा पन्नत्ता तंजहा-जातिसंपन्ने नाममेगे णो कुलसंपन्ने 4, 19 एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नता तंजहा-जातिसंपन्ने नाममेगे चउभंगो, 20 / चत्तारि कंथगा पन्नत्ता तंजहा-जातिसंपन्ने नाममेगे णो बलसंपन्ने 4, 21 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पन्नत्ता तंजहा-जातिसंपन्ने नाममेगे णो बलसंपराणे 4, 22 / चत्तारि कंथगा पन्नत्ता तंजहा-जातिसंपन्ने णाममेगे णो रूवसंपन्ने 4, 23 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाता पनत्ता तंजहाजातिसंपन्ने नाममेगे णो रूपसंपराणे 4, 24 / चत्तारि कंथगा पन्नत्ता तंजहा—जाइसंपन्ने णाममेगे णो जयसंपराणे 4, 25 / एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पन्नता तंजहा—जातिसंपन्ने 4, 26 / एवं कुलसंपन्नेण य वलसंपराणेण त 4, 27 / कुलसंपन्नेण य रूवसंपराणेण त 4, 28