________________ श्री आचाराङ्गसूत्रम् / श्रुतस्कंधः 1 अध्ययनं 6 ] [ 45 नागो संगामसीसे वा पारए तत्थ से महावीरे / एवंपि तत्थ लादेहिं अलद्धपुवोवि एगया गामो॥। उवसंकमन्तमपडिन्नंगामं तियम्मि अप्पत्तं / पडिनिकखमितु लूसिंसु एयायो परं पलेहित्ति // 1 // हयपुवो तत्थ दराडेण अवा मुट्ठिणा अदु कुन्तफलेण / अदु लेलुणा कवालेण हन्ता हन्ता बहवे कन्दिसु // 10 // मंसाणिं (मंसूणि) छिन्नपुवाणि उभिगा एगया कायं / परीसहाइंलुं चिंसु अदुवा पंसुणा उवकरिसु // 11 // उच्चालय निहणिंसु अदुवा पासणाउ खलइंसु / वोसट्टकायपणयाऽसी दुवखसहे भंग अपडिन्ने // 12 // सूरो संगामसीसे वा संवुडे तत्थ से महावीरे / पडिसेवमाणे फरुसाइं अचले भगवं रीयित्था // 13 // एस विही अणुक्कन्तो माहणेण मइमया। बहुसो अपडिगणेण भगवया एवं रीयंति // 14 // त्ति बेमि॥ // इति तृतीयोदेशकः // 9-3 // // अध्ययनं 9 : उद्देशकः 4 // श्रोमोयरियं चाएइ अपुढेवि भगवं रोगेहिं / पुटूठे वा अपुढे वा . * नो से साइजइ तेइच्छ // 1 // संसोहणं च वमणं च गायभंगणं च सिणाणं च / संबाहणं च न से कप्पे दन्तपक्खालणं च परिन्नाए(य) // 2 // विरए गामधम्मेहिं रीयइ माहणे अबहुवाइ / सिसिरंमि एगया भगवं छायाए भाइ यासीय // 3 // पायावइ य गिम्हाणं अच्छइ उक्कुडुए अभित्तावे / अदु जाव इत्थ लूहेणं योयणमंथुकुम्मासेणं // 4 // एयाणि तिन्नि पडिसेवे अट्टमासे श्र जावयं भगवं / अपि इत्थ एगया भगवं श्रद्धमासं अदुवा मासपि // 5 // अवि साहिए दुवे मासे छप्पि मासे अदुवा विहरित्था (अपिबित्ता)। रायोवराय अपडिन्ने अनगिलाणमेगया भुजे // 6 // छ?ण एगया भुजे अदुवा अट्ठमण दसमेणं / दुवालसमेण एगया भुजे पेहमाणे समाहिं अपडिन्ने