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________________ ( lili ) जोवाभिगम सूत्र : अंतो मणुस्सखेत्ते हवंति चारोवगा य उववण्णा / पंचविहा जोइसिया चंदा सूरा गहा गणा य // तेण परं जे सेसा चंदाइच्चा गहतार नक्खत्ता। नत्थि गई न वि चारो अवट्ठिया ते मुणेयव्वा / / दो दो जम्बूदीवे ससिसूरा दुगुणिया भवे लवणे / लावणिगाय तिगुणिया ससिसूरा धायइसंडे // दो चंदा इह दीवे चत्तारि य सागरे लवणतोए / धायइसंडे दीवे बारस चंदा य सूरा य / / धायइसंडप्पभिई उद्दिढ तिगुणिया भवे चंदा / आइल्लचंदसहिया अणंतराणंतरे खेत्ते / / रिक्खंग्गहतारग्गं दीव समुद्दे जहिच्छसे नाउं। तस्स ससीहि गुणियं रिक्खग्गह तारगाणं तु / / बहियाओ माणुसनगस्स चंदसूराणं अवट्ठिया जोगा। चंदा अभीइजुत्ता सूरा पुण होंति पुस्सेहिं // चंदातो सूरस्स य सूरा चंदस्स अंतरं होइ / पन्नास सहस्साइं तु जोयणाणं अणणाई // सूरस्स य सूरस्स य ससिणो य अंतरं होइ / जोयणाणं सयसहस्सं वहियाओ मणुस्स-नगस्स / /
SR No.004356
Book TitleDevindatthao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhash Kothari, Suresh Sisodiya
PublisherAgam Ahimsa Samta evam Prakrit Samsthan
Publication Year1988
Total Pages230
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_devendrastava
File Size12 MB
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