________________ देविदत्थओ ( lii ) अंतो मणुस्सखेत्ते हवंति चारोवगा य उववण्णा / पंचविहा जोइसिया चंदा सूरा गहगणा य / / 147 // तेण परं जे सेसा चंदाऽऽइच्च-गह-तार-नक्खत्ता / नत्थि गई, न वि चारो, अवट्ठिया ते मुणेयव्वा / / 148 // एए जंबुद्दीवे दुगुणा, लवणे चउग्गुणा होति / कालोयणा ( ? लावणगा य) तिगुणिया ससि सूरा धायईसंडे // 149 // दो चंदा इह दीवे, चत्तारि य सागरे लवणतोए। धायइसंडे दीवे बारस चंदा य सूरा य // 150 // धायइसंडप्पभिई उद्दिवा तिगुणिया भवे चंदा / आइल्लचंदसहिया अणंतराणंतरे खेत्ते // 151 // रिक्ख-ग्गह-तारग्गं दीव-समुद्दे जइच्छसे नाउं / तस्स ससीहि उ गुणियं रिक्ख-ग्गह-तारयग्गं तु // 152 // बहिया उ माणुसनगस्स चंद-सूराणऽवट्ठिया जोगा। चंदा अभिईजुत्ता, सूरा पुण होंति पुस्सेहिं // 153 // चंदाओ सूरस्स य सूरा चंदस्स अंतरं होइ / पण्णास सहस्साइं (तु) जोयणाणं अणूणाई // 154 / / सूरस्स य सूरस्स य ससिणो ससिणो य अंतरं होइ / बहिया उ माणुसनगस्स जोयणाणं सयसहस्सं // 155 //