________________ देविदत्थओ ( liv ) सूरंतरिया चंदा, चंदंतरिया य दिणयरा दित्ता / चित्तंतरलेसागा सुहलेसा मंदलेसा य // 156 // अट्ठासीइ च गहा, अट्ठावीसं च होंति नक्खत्ता। एगससीपरिवारो, एत्तो ताराण वोच्छामि // 157 // छावद्विसहस्साई नव चेव सयाई पंचसयराई। एगससीपरिवारो तारागणकोडिकोडीणं // 158 // भवणभइ-वाणमंतर-जोइसवासीठिई मए कहिया / कप्पवई वि य वोच्छं बारस इदे महिड्ढीए // 162 / / पढमो सोहम्मवई 1 ईसाणवई उ भन्नए बीओ 2 / तत्तो सणंकुमारो हवइ 3 चउत्थो उ माहिंदो 4 // 163 // पंचमओ पुण बंभो 5 छटो पुण लंतओऽत्थ देविंदो 6 / सत्तमओ महसुक्को 7 अट्ठमओ भवे सहस्सारो८॥ 164 // नवमो य आणइंदो 9 दसमो पुण पाणओऽत्थ देविंदो 10 / आरण एक्कारसमो 11 बारसमो अच्चुओ इंदो 12 // 165 // किण्हा-नीला-काऊ-तेऊलेसा य भवणं-वंतरिया। जोइस-सोहम्मीसाणे तेउलेसा मुणेयव्वा // 191 // कप्पे सणंकुमारे माहिदे चेव बंभलोगे य। एएसु पम्हलेसा, तेण परं सुक्कलेसा उ // 192 // कणगत्तयरत्ताभा सुखसभा दोसु होति कप्पेसु / तिसु होंति पम्हगोरा, तेण परं सुक्किला देवा // 193 //