________________ व्याकरणिक विश्लेषण 103 (अ) = और सहस्सा (सहस्स) 1/2 दो (दो) 1/2 बायाला य (अ) = और उक्कोसा (उक्कोस) 1/2 * छावट्ठि-छावढे 101. एयस्स ( एय ) 6/1 स चंदजोगो [ ( चंद ) - ( जोग ) 1/1] सत्तढिं ( सत्तट्ठि) 1/1 खंडिओ ( खंडिअ ) 1/1 अहोस्तो ( अहोरत्त ) 1/1 ते ( त ) 1/1 स हुंति ( हु ) व 3/2 अक नव ( नव ) 1/2 मुहुत्ता ( मुहुत्त ) 1/2 सत्तावोसं* ( सत्तावीस ) 211 कलाओ (कला ) 1/2 य (अ) = और कभी-२ प्रथमा विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का सद्भाव पाया जाता है। . (हेम प्राकृत व्याकरण, 3-137 वृत्ति) 102. सयभिसया ( सयभिसया ) 1/1 भरणीओ ( भरणी ) 1/2 अदा ( अद्दा ) 1/1 अस्सेस* (अस्सेसा) 1/1 साइ (साइ) 1/1 जेठा ( जेट्ठा ) 1/1 य ( अ ) = और एए (एअ ) 1/2 स छ ( छ ) 1/2 नक्खत्ता ( नक्खत्त ) 1/2 पन्नरसमुहुत्तसंजोगा [ ( पन्नरस )- ( मुहुत्त ) - ( संजोग ) 1/2 ] * छन्द की मात्रा - पूर्ति हेतु दीर्घ का हस्व कर दिया जाता है। 103. तिन्नेव [ ( तिन्न ) + ( एव ) ] तिन्न ( तिन्न ) मूलशब्द 1/2 एव ( अ ) = इसप्रकार उत्तराइं ( उत्तर ) 1/2 पुणव्वसू (पुणव्वस ) 1/1 रोहिणी ( रोहिणो ) 1/1 विसाहा ( विसाहा) 1/1 य ( अ ) = और एए (एअ) 1/2 स छ (छ) 1/2 नक्खत्ता ( नक्खत्त ) 1/2 पणयालमुहत्तसंजोगा [ ( पणयाल ). (मुहुत्त )- ( संजोग ) 1/2 ] 104. अवसेसा (अवसेस) 1/2 नक्खत्ता (नक्खत्त) 1/2 पनरस (पनरस) मूलशब्द 1/2 या (अ) = और होंति (हो) व 3/2 अक तीसईमुहुत्ता [ (तीसइ) - (मुहुत्त) 1/2] चंदम्मि* (चंद) 7/1 एस (एअ) 1/1