________________ 68 अणुत्तरोबवाइयदसासु [191-- "एवं खलु अहं इमेणं ओरालेणं, जहा खन्दओ तहेव चिन्ता,, आपुच्छणं, थेरेहिं सद्धिं विपुलं दुरुहइ, मासिया संलेहणा, नव मासा परियाओ, जाव कालमासे कालं किच्चा उट्ठे चन्दिम जाव नव य गेवेजविमाणपत्थडे उडूं दूरं वीइवइत्ता सव्वट्ठसिद्ध विमाणे देवत्ताए उववन्ने / थेरा तहेव ओयरन्ति जाव इमे से आयारभण्डए / “भन्ते "त्ति भगवं गोयमे तहेव पुच्छइ, जहा खन्दयस्स भगवं वागरेइ जाव सव्वट्टसिद्धे विमाणे उववन्ने // 191 // ___“धन्नस्स णं, भन्ते, देवस्स केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता?" “गोयमा, तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता”। “से णं, भन्ते, ताओ देवलोगाओ कहिं गच्छिहिइ, कहिं उववजिहिइ ?" “गोयमा, महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ 5 // 192 // निक्खेवओ // 3 // 1 // "जइ णं, भन्ते..." / उक्खेवओ / " एवं खलु, जम्बू / तेणं कालेणं 2 कागन्दीए नयरीए भद्दा नाम सत्थवाही परिवलइ अड्डा...। तीसे णं भद्दाए सत्थवाहीए पुत्ते सुनक्खत्ते नामं दारए होत्था अहीण जाव सुरूवे, पञ्चधाईपरिक्खित्ते / जहा धन्नो तहा बत्तीसओ दाओ जाव उप्पि पासायवडिसए विहरइ // 193 // तेणं कालेणं 2... / समोसरणं / जहा धन्नो तहा सुनक्खत्ते वि निग्गए। जहा थावच्चापुत्तस्स तहा निक्खमणं, जाव अणगारे जाए इरियासमिए जाव °बम्भयारी॥१९४॥ तए णं से सुनक्खत्ते अणगारे जं चेव दिवसं समणस्स. भगवओ महावीरस्स अन्तिए मुण्डे जाव पन्वइए, तं चेव दिवसं अभिग्गह, तहेव जाव बिलमिव...आहारेइ, 2 संज--