________________ 43. 135 सत्तमो वग्गो तत्थ णं वाणारसीए नयरीए अलक्खे नामं राया होत्था / तेणं कालेणं 2 समणे जाव विहरइ, परिसा निग्गया। तए णं अलक्खे राया इमोसे कहाए लट्ठे हट्ट जहा कूणिए, जाव पज्जुवासइ / धम्मकहा। तए णं से अलक्खे राया समणस्स भगवओ महावीरस्ल, जहा उदायणे, तहा निक्खन्ते, नवरं जेट्टपुत्तं रजे अहिसिञ्चइ, एक्कारस अङ्गाई, बहूई वासाइं परियाओ, जाव विपुले सिद्धे // 16 // 133 // “एवं, जम्बू , समणेणं जाव छट्ठस्स वग्गस्स अयमढे पन्नत्ते" // 134 // // छट्ठो वग्गो सम्मत्तो // 6 // . VII "जइ णं, भन्ते...” सत्तमस्स वग्गस्स उक्खेवओ ... " तेरस अज्झयणा पन्नत्ता / तं जहा नन्दा तह नन्दमई नन्दुत्तर नन्दसेणिया चेव / महया सुमरुय महमरुय मरुदेवा य अट्ठमा // 1 // भद्दा य सुभद्दा य सुजाया सुमणाइया / भूयदित्ता य बोद्धव्वा सेणियभजाण नामाई // 2 // " " जइ णं, भन्ते,...तेरस अज्झयणा पन्नत्ता, पढमस्स णं, भन्ते, अज्झयणस्स समणेणं...के अट्टे पन्नत्ते?" "एवं खलु, जम्बू” // 135 // तेणं कालेणं 2 रायगिहे नयरे, गुणसिलए चेइए, सेणिए राया। वण्णओ। तस्स णं सेणियस्स रन्नो नन्दा नामं देवी होत्था / वण्णओ। सामी समोसढे, परिसा निग्गया। तए.