SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 60
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अन्तगडदसासु [१३६णं सा नन्दा देवी इमांसे कहाए लद्धट्ठा समाणी कोडम्बियपुरिसे सदावेइ, 2 जाणं जहा पउमावई जाव एकारस अङ्गाई अहिजित्ता,वीसं वासाइंपरियाओ, जाव सिद्धा॥१३६॥ एवं तेरस वि देवीओ नन्दागमेण नेयवाओ // 137 // // सत्तमो वग्गो सम्मत्तो // 7 // VIII "जइ णं, भन्ते....” अट्ठमस्स वग्गस्स उक्खेवओ।" "जाव दस अज्झयणा पन्नत्ता / तं जहा-, . काली सुकाली महाकाली कण्हा सुकण्हा महाकण्हा। वीरकण्हा य बोद्धव्वा रामकण्हा तहेव य। पिउसेणकण्हा नवमी दसमी महासेणकण्हा य // 1 // " "जइ... दस अज्झयणा, पढमस्स अज्झयणस्स के अटे पन्नते?" "एवं खलु, जम्बू" // 138 // तेणं कालेणं 2 चम्पा नामं नयरी होत्था / पुण्णभद्दे चेइए। तत्थ णं चम्पाए नयरीए कृणिए राया। वण्णओ // 139 // तत्थ णं चम्पाए नयरीए सेणियस्स रन्नो भजा कूणियस्स रन्नो चुल्लमाउया काली नामं देवी होत्था / वण्णओ / जहा नन्दा जाव सामाइयमाइयाई एक्कारस अङ्गाई अहिजइ, बहूहिं चउत्थ जाव अप्पाणं भावेमाणी विहरइ // 140 // तए णं सा काली अन्नया कयाइ जेणेव अजचन्दणा अजा तेणेव उवागया 2 एवं वयासी-"इच्छामि गं, अजाओ, तुब्भेहिं अब्भणुनाया समाणी रयणावलिं तवं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए"। "अहासुहं..." // 141 // .
SR No.004350
Book TitleAntgadadasao evam Anuttaravavaidasao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorP L Vaidya
PublisherP L Vaidya
Publication Year1932
Total Pages176
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_antkrutdasha, & agam_anuttaropapatikdasha
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy