________________ 33 105] छट्टो वग्गो मन्नस्स पडिसुणेन्ति, 2 कवाडन्तरेसु निलुक्कन्ति, निश्चला निप्फन्दा तुसिणीया पच्छन्ना चिट्ठन्ति // 103 // तए णं से अजुणए मालागारे बन्धुमईभारियाए सद्धिं जेगेव मोग्गरपाणिजक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ,२ आलोए पणामं करेइ, महरिहं पुष्फच्चणं करेइ, जन्नुपायपडिए पमाणं करेइ / तए णं छ गोहिल्ला पुरिसा दवदवस्स कवाडन्तरेहिन्तो निग्गच्छन्ति, अजुणयं मालागारं गिण्हन्ति, 2 अवओडयबन्धणं करेन्ति, 2 बन्धुमईए मालागारीए सद्धिं विउलाई भोगभोगाई भुञ्जमाणा विरहन्ति // 104 // तए ण तस्स अज्जुणयस्स मालागारस्स अयमज्झथिए 4---" एवं खलु अहं बालप्पभिई चेव मोग्गरपाणिस्स भगवओ कल्लाकल्लिं जाव कप्पेमाणे विहरामि।तंजइ णं मोग्गरपाणिजक्खे इह संनिहिए होन्ते, से णं किं ममं एयारूवं आवई पाविजमाणं पासन्ते ? तं नत्थि णं मोग्गरपाणी जखे इह संनिहिए। सुबत्तं णं एस कट्टे" // 105 // तए णं से मोग्गरपाणी जक्खे अजुणयस्स मालागारस्स अबमेवारूवं अज्झत्थियं जाव वियाणित्ता अजुणयस्स मालागारस्स सरीरयं अणुपविसइ, 2 तडतडतडस्स बधाई छिम्दइ, तं पलसहस्सनिष्फन्नं अयोमयं मोग्गरं गिण्हइ, २ते इथिसत्तमे पुरिसे घाएइ / तए णं से अजुणए मालागारे मोग्गरपाणिणा जक्खणं अन्नाइटे समाणे रायगिहस्स नय रस्स परिपेरन्तेणं कल्लाकल्लिं छ इत्थिसत्तमे पुरिसे घाएमाणे विहरई। रायगिहे नयरे सिंघाडग जाव °महापहपहेसु बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ 4--" एवं खलु, देवाणु