________________ अन्तगडदसासु [१०१तेणेव उवागच्छइ, 2 मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स महरिहं पुप्फश्चणयं करेइ, 2 जन्नुपायवडिए पणामं करेइ, तओ पच्छा रायमग्गसि वित्तिं कप्पेमाणे विहरइ // 101 // तत्थ णं रायगिहे नयरे ललिया नामं गोट्ठी परिवसइ अड्डा जाव अपरिभूया जंकयसुकया यावि होत्था / तएणं रायगिहे नयरे अन्नया कयाइ पमोए घुटे यावि होत्था। तए णं से अजुणए मालागारे कल्लं पभूयतरागेहिं पुप्फेहिं कजमिति कट्ठ पञ्चूसकालसमयांस बन्धुमईए भारियाए सद्धिं पच्छियपिडगाइं गिण्हइ, 2 सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमइ, 2 रायगिहं नयरं मझमज्झेणं निग्गच्छइ, 2 जेणेव पुप्फारामे तेणेव उवागच्छइ, 2 बन्धुमईए भारियाए सद्धिं पुप्फुच्चयं करेइ // 102 // तए णं तीसे ललियाए गोट्ठीए छ गोहिल्ला पुरिसा जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागया अभिरममाणा चिट्ठन्ति। तए णं से अजुणए मालागारे बन्धुमईए भारियाए सद्धिं पुष्फुच्चयं करेइ, 2 अग्गाइं वराई पुप्फाइं गहाय जेणेव मोग्गरपाणिस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छइ / तए णं छ गोहिल्ला पुरिसा अजुणयं मालागारं बन्धुमईए भारियाए सद्धिं एजमाणं पासन्ति, 2 अन्नमन्नं एवं वयासी-“एस णं, देवाणुप्पिया, अजुणए मालागारे बन्धुमईए भारियाए साद्धं इहं हव्वमागच्छइ / तं सेयं खलु, देवाणुप्पिया, अम्हं अजुणयं मालागारं अवओडयबन्धणं करित्ता बन्धुमईए भारियाए साद्धं विउलाई भोगभोगाई भुञ्जमाणाणं विहरित्तए” त्ति कट्ट एयमढे अन्न