________________ 72 ] चउत्थो वग्गो 23 एवं दुम्मुहे वि, कूवदारए वि, तिण्णि वि बलदेवधारिणीसुया / दारुए वि एवं चेव, नवरं वसुदेवधारिणीसुए। एवं अणाधिट्ठी वि वसुदेवधारिणीसुए // 69 // “एवं खलु, जम्बू, समणेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स अङ्गस्स अन्तगडदसाणं तच्चस्स वग्गस्स तेरसमस्स अज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते // 7 // // तच्चो वग्गो सम्मत्तो॥३॥ IV " जइ णं, भन्ते, समणेणं जाव संपत्तेणं तच्चस्स वग्गस्स अयमढे पन्नत्ते, चउत्थस्स णं, भन्ते, के अटे पन्नत्ते?" "एवं खलु, जम्बू, समणेणं-जाव संपत्तेणं चउत्थस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पन्नत्ता। तं जहा जालि मयालि उवयालि पुरिससेणे य वारिसेणे य। पज्जुन्न सम्ब आणिरुद्ध सच्चनेमी य दढनेमी य॥१॥" " जइ णं,भन्ते, समणेणं जाव संपत्तेणं चउत्थस्स वग्गस्स दस अज्झयणा पन्नत्ता, पढमस्स णं अज्झयणस्स के अटे पन्नत्ते ?" “एवं खलु, जम्बू” // 71 // तेणं कालेणं 2 वारवई नयरी / तीसे, जहा पढमे, कण्हे वासुदेवे...आहेवञ्चं जाव विहरइ। तत्थ णं बारवईए नयरीए वसुदेवे राया, धारिणी.... वण्णओ। जहा गोयमो,नवरं जालिकुमारे, पन्नासओ दाओ, बारसङ्गी, सोलस वासा परियाओ, सेसं जहा गोयमस्स जाव सेत्तु सिद्धे // 72 // एवं मयाली उवयाली पुरिससेणे य वारिसेणे य / एवं पजुन्ने वित्ति, नवरं कण्हे पिया रुप्पिणी माया। एवं सम्बे वि,