________________ अन्तगडदसासु [६४मेयं अरहया, सुयमेयं अरहया, सिटमेयं अरहया भविस्सह कण्हस्स वासुदेवस्स। तं न नजइ णं कण्हे वासुदेवे ममं केण वि कुमारेणं मारिस्सइ” त्ति कटु भीए 4 सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमइ, 2 कण्हस्स वासुदेवस्स बारवई नयरिं अणुपविसमाणस्स पुरओ सपक्खि सपडिदिसिं हव्वमागए / तए णं से सोमिले माहणे कण्हं वासुदेवं सहसा पासित्ता भीए 4 ठिए य चेव ठिइभेयं कालं करेइ। धरणीयलंसि सव्वङ्गेहिं धस त्ति संनिवडिए // 64 // . तए णं से कण्हे वासुदेवे सोमिलं माहणं पासइ, 2 एवं वयासी-"एस णं, देवाणुप्पिया, ले सोमिले माहणे अपत्थियपत्थिए जाव परिवजिए, जेण ममं सहोयरे कणीयसे भायरे गयसुकुमाले अणगारे अकाले चेव जीवियाओ ववरोविए 'त्ति कट्ट सोमिलं माहणं पाणेहिं कड्डावेइ, 2 तं भूमि पाणिएणं अब्भुक्खावेइ, 2 जेणेव सए गिहे तेणेव उवागए सयंगिहं अणुपवितु // 65 // निक्खेवओ // 3 // 8 // // उक्खेवओ // 3 // 9 // तेणं कालेणं 2 बारवईए नयरीए, जहा पढमए, जाव विहरइ // 66 // तत्थ णं बारवईए बलदेवे नामं राया होत्था / वण्णओ। तस्स णं बलदेवस्स रन्नो धारिणी नामं देवी होत्था। वण्णओ // 67 // तए णं सा धारिणी सीहं सुमिणे......जहा गोयमे, नवरं सुमुहे नाम कुमारे, पन्नासं कनाओ, पन्नासओ दाओ, चोद्दस पुवाई अहिजइ, वीसं वासाइं परियाओ, सेसं तं चेव, सेत्ता सिद्धे॥६८॥॥ निक्खेवओ // 3 // 9 //