________________ अन्तगडदसासु [59 णं से कण्हे वासुदेवे तस्स पुरिसस्स अणुकम्पणट्ठाए हत्थिखन्धवरगए चेव एग इट्टगं गेण्हइ, 2 बहिया रत्थापहाओ अन्तोगिहं अणुप्पवेसेइ / तए णं कण्हेणं वासुदेवेणं एगाए इट्टगाए गहियाए समाणीए अणेगेहिं पुरिससएहिं से महालए इट्टगस्स रासी बहिया रत्थापहाओ अन्तोघरंसि अणुप्पवेसिए // 59 // तए णं से कण्हे वासुदेवे बारवईए नयरीए मज्झमझेणं निग्गच्छइ / 2 जेणेव अरहा अरिटुनेमी तेणेव उवागए 2 जाव वन्दह नमसइ / 2 गयसुकुमालं अणगारं अपासमाणे अरहं अरिट्टनेमि वन्दइ नमसइ, 2 एवं वयासी-“कहिं णं, भन्ते, से ममं सहोयरे कणीयसे भाया गयसुकुमाले अणगारे जा णं अहं वन्दामि नमसामि?" तए णं अरहा अरिट्ठनेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी--"साहिए णं, कण्हा, गयसुकुमालेणं अणगारेणं अप्पणो अटे" // 10 // तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिटुनेमि एवं वयासी" कह णं, भन्ते, गयसुकुमालेणं अणगारेणं साहिए अप्पणो अटे?" तए णं अरहा अरिट्ठनेमी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी"एवं खलु, कण्हा, गयसुकुमाले णं अणगारे ममं कल्लं पुव्वावरण्हकालसमयसि वन्दइ नमसइ, 2 एवं वयासी-'इच्छामि णं...' जाव उवसंपजित्ताणं विहरइ / तए णं तं गयसुकुमालं अणगारं एगे पुरिसे पासइ / 2 आसुरुत्ते 5 जाव सिद्धे 5 / तं एवं खलु, कण्हा, गयसुकुमालेणं अणगारेणं साहिए अप्पणो अढे" // 61 // तए णं से कण्हे वासुदेवे अरहं अरिटनेमि एवं वयासी"केसणं, भन्ते, से पुरिसे अपत्थियपत्थिए जाव परिवजिए