________________ अन्तगडदसासु [४०एत्तो एगयरमवि न पत्ता" / ओहय जाव झियायइ // 40 // ___ इमं च णं कण्हे वासुदेवे व्हाए जाव विभूसिए देवईए देवीए पायवन्दए हव्वमागच्छद / तए णं से कण्हे वासुदेवे देवई देविं...पासइ / 2 देवईए देवीए पायग्गहणं करेइ, 2 देवई देवि एवं वयासी-" अन्नया णं, अम्मो, तुन्भे ममं पासित्ता हट्ट जावभवह / किं णं, अम्मो, अन्ज तुब्भे ओहय जाव झियायह ?" तए णं सा देवई देवी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-" एवं खलु अहं, पुत्ता, सरिसए जाव °समाणे सत्त पुत्ते पयाया, नो चेव णं मए एगस्स वि बालत्तणे अणुब्भूए। तुमं पि य णं, पुत्ता, ममं छण्हं 2 मासाणं ममं अन्तियं पायवन्दए हव्वमागच्छसि / तं धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ, जाव झियामि" // 41 // तए णं से कण्हे वासुदेवे देवई देवि एवं वयासी-" मा णं तुब्भे, अम्मो, ओहय जाव झियायह / अहं णं तहा जैत्तिहामि जहा णं ममं सहोयरे कणीयसे भाउए भविस्सइ" त्ति कट्ट देवइं देविं ताहिं इट्टाहिं वग्गूहि समासासेइ / 2 तओ पडिनिक्खमइ, 2 जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ, 2, जहा अभओ, नवरं हरिणेगमेसिस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ जाव अञ्जलिं कट्ट एवं वयासी- “इच्छामि णं, देवाणुप्पिया, सहोयरं कणीयसं भाउयं विइण्णं"। तए णं से हरिणेगमेसी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-" होहिइ णं, देवाणुप्पिया, तव देवलोयचुए सहोयरे कणीयसे भाउए / से णं उम्मुक्क° जाव अणुप्पत्ते अरहओ अरिट्टनेमिस्स अन्तियं मुण्डे जाव पव्व .1 A reads पत्तिस्सामि throughout