________________ 21] तइयो वग्गो तवोकम्म। सोलस वासाई परियाओ। सेतुले मासियाए संलेहणाए सिद्धी // 17 // // बिइयो वग्गो सम्मत्तो॥२॥ III उक्खेवओ // 3 // 1 // "एवं खलु,जम्बू / तच्चस्स वग्गस्स अन्तगडदसाणं तेरस अज्झयणा पनत्ता। तं जहा-अणीयसे अणन्तसेणे अणिहय विऊ देवजसे सत्तुसेणे सारणे गए सुमुहे दुम्मुहे कूवए दारुए अणाधिट्टी" // 18 // "जइ णं, भन्ते, समणेणं जाव संपत्तेणं तच्चस्स वग्गस्स अन्तगडदसाणं तेरस अज्झयणा पन्नत्ता, तच्चस्स णं, भन्ते, वग्गस्स पढमअज्झयणस्स अन्तगडदसाणं के अढे पन्नत्ते?" "एवं खलु, जम्बू” // 19 // तेणं कालेणं 2 भृदिलपुरे नामं नयरे होत्था। वण्णओ। तस्स णं भद्दिलपुरस्स उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए सिरिवणे नामं उजाणे होत्था। वण्णओ। जियसत्तू राया // 20 // तत्थ णं भद्दिलपुरे नयरे नागे नामं गाहावई होत्था अड्डे। तस्स णं नागस्स गाहावइस्स सुलसा नामं भारिया होत्था सूमाला जाव सुरूवा। तस्स णं नागस्स गाहावइस्स पुत्ते सुलसाए भारियाए अत्तए अणीयसे नामं कुमारे होत्था सूमाले जाव सुरूवे, पञ्चधाईपरिक्खित्ते, तं जहा-खीरधाई जहा दढपइन्ने, जाव गिरिकन्दरमल्लीणे व चम्पगवरपायवे सुहंसुहेण परिवड्डइ // 21 // तए णं तं अणीयसं कुमारं साइरेगट्ठवासजायं अम्मापि