________________ 3rung -कृतिरिय महापण्डितरत्लकीर्तिपादानामा भवत्वपोहे कृतिनां प्रपञ्चो -- [धास्तुस्वस्पास्फुरणं तु मम। तत्राहढे सर्वमयत्नशीण हदे तु सौस्यं ननु तावतेव। ---- सम्पूर्ण रात्रि प्रहरव्येन------ कीर्तरपो हो लिखितः सुखेना क्रैलोक्ययन परात्महतो- यानादतोऽपं परिरक्षणीयः15 ---------------------------------------------------------- ph Post: Colopon verses. Not in...B.