________________ 67 विमाग] नमस्कार स्वाध्याय। च नवकारपञ्जिका-सिद्धचक्रादौ 'अंतिमचूलाइ तियं सोलऽठुनवक्खराजुयं चेव / जो पढइ भत्तिजुत्तो, सो पावइ सासयं ठाणं // ' एवं च वाचनाद्वयेऽपि त्रयस्त्रिंशदक्षरप्रमाणचूलिकासहितो नमस्कारो भणनीय इत्युक्तं भवति, तथा चोक्तं बृहन्नमस्कारफले ‘सत्त पण सत्त सत्त य, नवक्खर पमाण पयडपंचपयं / तित्तीसक्खरचूलं, सुमरह नवकारवरमंतं // ' सिद्धान्तेऽपि स्फुटाक्षरैः 'हवइ मंगलं' इति भणितम् , तथाहि महानिशीथचतुर्थाध्ययनसूत्रं"तहेव य तदत्थाणुगमियं इक्कारसपयपरिच्छिन्नं तिआलावगतित्तीसक्खरपरिमाणं 'एसो पंचनमुक्कारो, सव्वपावप्पणासणो / मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवइ मंगलं' इय चूलं" ति ‘अहिज्जंति' इति 10 तत्र प्रकृतं, तदेवं 'हवइ मंगलं' इति अस्य साक्षादागमे भणितत्वात् प्रभुश्रीवज्रस्वामिप्रभृतिसुबहुबहुश्रुतसुविहितसंविमपूर्वाचार्यसंमतत्वाच्च पढमं हवइ मंगलमिति पाठेन अष्टषष्टिअक्षरप्रमाण एव नमस्कारः पठनीयः / तथा च महानिशीथेनमस्कारपंजिका तथा सिद्धचक्र वगेरेमां कयुं छे के "छेवटनी सोळ, आठ अने नव अक्षरनी त्रण चूलिकाओ सहित नवकारने भक्तिपूर्वक जे मनुष्य गणे छे ते शाश्वत स्थान-15 (मोक्ष)ने प्राप्त करे छे।" ___ आ प्रमाणे बन्ने वाचना मुजब तेत्रीश अक्षरनी चूलिकासहित नवकार गणवो जोईए एम फलित थाय छे / बृहन्नमस्कारफलमां कयुं छे के-“सात, पांच, सात, सात अने नव अक्षरना प्रमाणवाळा पांच पदो जेमां प्रगट छे तथा तेत्रीश अक्षरनी जेमां चूलिका छे तेवा नमस्कार महामंत्र- स्मरण करो।" सिद्धांतमां पण स्पष्ट अक्षरोमां 'हवइ मंगलं' एवो पाठ जणावेलो छ / महानिशीथसूत्रना' चोथा अध्ययनमां नीचे मुजब उल्लेख छे–“ते ज प्रमाणे तेना अर्थने अनुसरती अगियार पदनी त्रण आलावानी अने तेत्रीश अक्षरना परिमाणवाळी 'एसो पंचनमुक्कारो, सव्वपावप्पणासणो। मंगलाणं च सव्वेसिं पढमं हवइ मंगलं' ए चूलिकानो पाठ गणवो / " आ रीते 'हवइ मंगलं' एवो पाठ साक्षात् आगममा जणावेलो छे तेमज प्रभुश्री वज्रस्वामी वगेरे अनेक बहुश्रुत सुविहित संविन 25 पूर्षाचार्योए ए पाठने मान्य करेलो छे तेथी 'पढम हवइ मंगलं' एवो पाठ अडसठ अक्षरो प्रमाणमां ज नवकारमंत्र गणवो जोईए / महानिशीथसूत्रमा कयुं छे के 20 १'बृहन्नमस्कारफलस्तोत्र' प्रस्तुत ग्रंथमां 'पंचनमुक्कारफलथुत्तं' नामे पृ० 363 थी 378 सुधीमां छपायेल छ / तेमां आ 117 मी गाथा छ। - 2 जुओ प्रस्तुत ग्रंथ पृ० 40 पं० 18 3 जुओ प्रस्तुत ग्रंथ पृ. 52, पं. 5 थी पृ. 53, पं. 24,