________________ सिरिमहानिसीहसुत्तसंदभो। [प्राकृत ___ अहवा गोयमा ! 'किमित्य पभूयवागरणेणं ?, सारस्थं भन्नए / तं जहाणामं पि सयलकम्मट्ठमलकलंकेहिं विप्पमुक्काणं / तियसिंदच्चियचलणाण जिणवरिंदाण जो सरइ // तिविहकरणोवउत्तो खणे खणे सीलसंजमुज्जुत्तो। अविराहियवयनियमो सोऽवि हु अइरेण सिज्झेज्जा // जो पुण दुहउब्विग्गो सुहतण्हालू अलि ब्व कमलवणे / थयथुइमंगलजयसद्दवावडों रुणरुणे किंचि / / 5 भत्तिभरनिब्भरो जिणवरिंदपायारविंदजुगपुरओ। भूमीनिट्टवियसिरो कयंजलीवावडो चरित्तड्डो // एक्कं पि गुणं हियए धैरेज संकाइसुद्धसम्मत्तो / अक्खंडियवयनियमो तित्थयरत्ताए सो सिझे // जेसिं च णं सुगहियनामग्गहणाणं तित्थयराणं गोयमा ! एस जगपायडे महच्छेरयभूए भुवैणस्स वियडपायडे महंताइसेए पवियंभे, तं जहा--- खीणद्वैपायकम्मा मुक्का बहुदुक्खगब्भवसहीणं / पुणरवि अपत्तकेवलमणपज्जवणाणचरिमतणू // 10 महजोइणो विविहर्दुक्खमयरभवसागरस्स उब्विगा / दृढूणऽरहाइसए भवहुत्तमणा खणं जंति // . अथवा गौतम ! आ विशे वधारे शुं कहेQ ? सारभूत अर्थ तने कहुं छं जे समग्र एवां आठ कर्मोना मळरूप कलंकथी मुक्त थयेला छे अने देवताओना इंद्रोए जेमना चरणनी पूजा करी छे ते जिनेश्वर देवोना नाम, पण स्मरण करनार, (मन, वचन, कायारूप ) त्रण करणथी उपयुक्त, क्षणे क्षणे शील अने संयममां उद्यमशील अने व्रत-नियमनी 16विराधना न करनारो मानवी निश्चये जलदीथी सिद्धिने मेळवे छे / दुःखथी खेद पामेलो अने सुखनी तृष्णावाळो जे मानवी कमळवनमां भ्रमरनी जेम स्तवन, स्तुति अने मांगलिक एवा जय जय शब्दनो उच्चार करतो कंईक गुंजारव करे छे; तेमज भक्तिमां अत्यंत गरकाव बनेलो, चारित्रनो अर्थी जिनेश्वर भगवंतनां बे चरणकमळो आगळ जमीन ऊपर पोतानुं मस्तक स्थापीने अंजलि करीने शंका वगेरेथी शुद्ध (रहित ) सम्यक्त्ववाळो तथा अखंडित व्रत-नियमवाळो 20जे मानवी तेमनो एक पण गुण हृदयमा धारण करे छे ते तीर्थंकर थईने मोक्षमां जाय / हे गौतम ! जेमनुं नाम लेवु पुण्यरूप छे ते तीर्थंकरोनो, जगतमां प्रगट महान आश्चर्यभूत त्रणे भुवने विकट प्रगट' अने महान एवा अतिशयनो विस्तार आ प्रकारे छे जेमणे केवळज्ञान, मनःपर्यायज्ञान तथा चरम शरीर प्राप्त नथी कयु एवा जीवो पण अरिहंतोना अतिशयोने जोईने अष्ट प्रकारनां कर्मोनो क्षय करनारा बने छे, बहु दुःखदायक 25 गर्भावासथी मुक्त थाय छे, महायोगी बने छे, विविध दुःखमय भवसागरथी उद्विग्न थाय छे अने संसारथी अलग थई जाय छे। . 1 गोयमा पभूय ATS | 2. किमेत्थ P / 3. जो उण P / 4. °डो झणझणे A,डो रुनुरुणे PI 5. भूमिनि° / 6. चरित्तट्ठो A / 7. धरेइज / 8. °नामगह° P / 9. पायड A, पयडे PI 10. भुयणस्स वि पयड P / 11. पायडम / 12. इसयपवियंभो A / 13. टूकम्मपाय मुहै। 14. चरिततणू A / 15. णो वि बहुदुक्खगयर P / १६.सए लव /