________________ 414 पंचपरमिट्ठिनमुक्कारमहथुत्त। [प्राकृत पूर्वचतुर्विशतिमध्ये क्षिप्ता जाताः 28 / द्वितीयपतौ दृष्टो द्विकोऽत्रापि पञ्चक-चतुष्कयोः प्राग्वद् वर्जितकादेक एव त्रिकरूपोऽङ्को गतः / स स्वपरिवर्तेनैकरूपेण गुणितो जात एक एव / पूर्वाष्टाविंशतिमध्ये क्षिप्तो जातकोनत्रिंशत् / प्रथमपतौ तु प्राग्वत् पञ्चक-चतुष्कयोर्वर्जितत्वेन गतोऽङ्कः कोऽपि नास्ति / एकोनत्रिंशदेकेन युता जाता त्रिंशत् / तत इदं त्रिंशत्तमं रूपम् / 5 तथा 2,3,4,1,5 / अयं कतिथो भङ्ग इति केनापि पृष्टम्-अत्रान्त्यपतौ पञ्चकस्य दृष्टत्वान्न कोऽपि गतोऽङ्कः / चतुर्थपतौ प्राक्तनरीत्या पञ्चकस्य वर्जित्वाच्चतुष्क-त्रिक-द्विकरूपास्त्रयोऽङ्का गताः / ततस्त्रयः स्वपरिवर्तन 6 रूपेण गुणिता जाता 18 / तृतीयपतौ पञ्चकस्य वर्जितत्वाद् गतोऽको नास्ति / एवं द्वितीय-प्रथमपतयोरपि / ततोऽष्टादशैकेन युता 19 / अयमेकोनविंशो भङ्गः / तथा-२,१,४,५,३ / अयं कतिथ इति पृष्टे-अत्रान्त्यपतौ त्रिकस्य दृष्टत्वात् पञ्चक-चतुष्करूपौ 10द्वावको गतौ / ततो द्वौ स्वपरिवर्तन 24 रूपेण गुणिती जाताः 48 / चतुर्थपतौ पञ्चकस्य दृष्टत्वेन गतोऽको नास्ति / तृतीयपकावपि पञ्चकस्य प्रोक्तरीत्या वर्जितत्वान्न कोऽपि गतोऽङ्कः / द्वितीयपतौ पञ्चक-चतुष्क-त्रिकाणामपोदितत्वाद् द्विकरूप एक एव गतोऽङ्कः / स एकेन गुणितो जात एक एव / 48 मध्ये क्षिप्तो जाता एकोनपञ्चाशदेकयुताः जाताः पञ्चाशत् / अयं पञ्चाशत्तमो भङ्ग इति वाच्यम् / एवं सर्वत्र ज्ञेयम् // 17 // 16 होई शके परंतु 'नहुदिढ' शब्दथी शरू थती अढारमी गाथामा पूर्वस्थापित अंकोने (पश्चानुपूर्वीथी गणतां) वर्जवानुं कर्तुं छे, तेथी 5 नी गणना गतांकमां करवानी नथी। हवे बीजा स्थानमां 5 अने 4 तथा पहेला स्थानमा 5, 4 अने 3 गतांक होई शके, परंतु ऊपर जणाव्यो ते अढारमी गाथावाळो नियम अहीं पण लागु पडे छे, तेथी एक पण गतांक गणवानो नथी / आ रीते प्राप्त थयेली 96 नी संख्यामां 1 जोडवाथी 97 नी संख्या आवे छे, ते अहीं उद्दिष्टांक छ। . 20 एक बीजा उदाहरणथी आ वस्तु वधारे स्पष्ट करीए : 15243 आ केटलामो भंग छे ? एम पूछवामां आवे तो अहीं पांचमा स्थानमा त्रण छे, तेथी 5 अने 4 आ बे अंको गया छे माटे पांचना परिवर्तक 24 नो 2 थी गुणाकार करवो जोईए; तेम करतां 2442=48 आव्या। ___ हवे चोथा स्थानमा 4 छे, तेथी अहीं 5 नो एक अंक गयो तेथी चारना परिवर्ताक ६.नो 25 1 थी गुणाकार करवो जोईए 6416 / हवे 48 मां 6 ऊमेर्या तो 48 + 6 = 54 थया। हवे त्रीजा स्थानमा 2 छे / अहीं 3-4-5 आ त्रण अंको जवा जोईए, परंतु 4 अने 3 आ अंको पूर्वस्थापित होवाथी गतांकोनी गणनामां आवता नथी, तेथी 5 नो एक ज अंक गत समजवानो छे / त्रीजा स्थाननो परिवर्तक 2 छे, तेथी 2 नो 1 नी साथे गुणाकार करतां-२४२=२ आव्या / 1 प्राक्तनरीत्या / 2 °मुपादि।