________________ 10 विभाग] ममस्कार स्वाध्याय / उपाध्यायाज्ञां कृत्वा विज्ञो भवति / आयाणं अपूर्वम्, न विद्यते पूर्वः प्रथमो वर्णो यत्र तदपूर्व यणा (याण)मिति, विपरीतं च तत् ‘णं या' इति भवति / अज्झावओ अध्यापकः, ओमिति पूर्वमादौ छात्रान् पाठयति / अभाववाची न इति मोचनं मोको भावाकोंर्घजिति घञ् , न मोको मुक्तिरित्यर्थः / वज्झायाणं हत्यानां हत्याकारिणां जनानां पापसमूहान् 'मरगयमा उवज्झायाणं' इति पदम् // 4 // रीति-१ (गत) (1) प्रश्न-कयो वर्ण वाक्यालंकार मनाय छे ? उत्तर-'ण'-ए वर्ण। (2) प्रश्न-विधुर एटले भयभीत माणसनो (आकस्मिक ) उच्चार शो ? उत्तर-ओ!। (3) प्रश्न-माणस शुं करवाथी विज्ञ बने छ ? ... उत्तर-'उवज्झायाणं'-( उपाध्यायाज्ञां)-उपाध्याय भगवंतोनी आज्ञानुं पालन करवाथी। रीति-२-(आगत-विपरीत आवg) (1) प्रश्न-पूर्वाक्षरथी रहित 'आयाणं' एटले 'याणं' ने उलटुं करीए तो शुं रूप थाय ? ... उत्तर-णंया'–एवं थाय / (2) प्रश्न-कोण भणावे छे ? उत्तर-अज्ज्ञावउ-(अध्यापकः)-अध्यापक-उपाध्याय / (3) प्रश्न-( अध्यापक) सर्व प्रथम शुं भणावे छे ? उत्तर-7-(ओम् )-ए मंत्र। 15 (4) प्रश्न-अभाव माटे शुं (कयो अक्षर) बोलाय छे ? उत्तर-ण-(न) नकार / [तात्पर्य के 'णं याज्झावउ ओम्ण' आ पदोने ऊलटी रीते बोलावाथी णमो उवज्झायाणं' पद प्रकटे छ।] रीति-३-(द्विर्गत-(अ)) . (1) प्रश्न-हत्या कोण करे छे ? उत्तर–णमोउ-(नमोकः ) *-जेनी मुक्ति नथी ते। 20 (2) प्रश्न-केघा माणसोना पापना समुदायो वधे छे ? उत्तर-वज्झायाणं ( हत्याकानाम् ) + वध करनाराओना / रीति-४ (आ) (1) प्रश्न-कया नीलवर्ण पदनुं त्रणे संध्याओमां ध्यान करवाथी दुःखनो समूह नाश पामे छे ? उत्तर-'णमो उवज्झायाणं' ए पदनुं ध्यान करवाथी / ['मरगयमा उवज्झाया'-नीलवर्णवाला उपाध्यायो, आ वचनथी / ] + * मोचनं मोकः / न मोको मुक्तिर्यस्य स न मोकः-जेनी मुक्ति नथी ते। विज्झा-(स्त्री०) हत्या-वध, घात. (पाइयसद्दमहण्णवो)। + आ श्लोकमां णमो उवज्झायाणं' पदनी 'गत' अने 'आगत' एम बे प्रकारे प्राप्ति थाय छे, तेथी तेने 'गतागत' कयुं छे अने त्रीजी तेमज चोथी रीतिना प्रश्नोत्तरो वडे पण आ ज पद थाय छे ते माटे ते 'द्विर्गत' कहेवाय छ। 25