________________ विभाग] : नमस्कार स्वाध्याय / पावाणं के ? जिणाणं किमु करिअ सुही के मुणी ? माण-मोहा किं रूवा गाइ-गंता ? विउलधणभरो वड्डए केरिसाणं / विजाविनाणभागी हवइ सुनिउणो केरिसो ? केसि किंवा थंभेई नीरमाई ? पयमणहमहं झायए तं मणेणं // 3 // णमो आयरियाणं / ' [चतुःकृत्वो गतिः। ] 5 वर्तते यत् तत् सत् क्लीबत्वाद् ह्रस्वः / अन्तद्धाणमिति पदमन्तं विना द्धाणमिति द्धा / द्वितीयं मङ्गलम् 'न(ण)मो सिद्धाणं' इति विजयते // 2 // वृत्तिः–पावाः पापाः पापवन्तस्तेषां नमोदा अहर्षा भवन्तीति योगः / जिनानामाज्ञामाचर्य (3) प्रश्न-प्राणीओ कोने सेवीने सिद्ध थया ? / * उत्तर-सिद्धाणं (सिद्धाज्ञां)-सिद्धोनी आज्ञाने / रीति-३ / (1) प्रश्न-जिनो दीक्षा ग्रहण करती वखते शुं कहे छे ? उत्तर-णमो सिद्धाणं / ___10 रीति-४ (1) प्रभ-याचकने जोईने क्षुद्र माणस शुं कहे छे ? उत्तर-ण-(न)-नथी। (2) प्रश्न-प्राकृतमां चंद्रना पर्यायवाचक मास् शब्दनुं संबोधनमा रूप थाय ? 15 उत्तर-मो!-(म: ! )-हे चंद्र ! .. . (3) प्रश्न-कामी पुरुषनुं चित्त केवु होय छे ? उत्तर-सि-(सि-कामयुक्त ) कामदेवनो पर्यायवाची अक्षर जे 'इ' ते जेने सह . स-साथे रहेलो छे, तेवु / ... (4) प्रश्न-अंतद्धाणं' आ पदने अणंत एटले 'अंत' पद रहित राखीए तो शुं थाय ? 20 उत्तर-'द्धाणं'-ए पद। रीति-५ (1) प्रश्न-मंगलोमां बीजं मंगल कयुं ? ____उत्तर-'णमो सिद्धाणं' ए पद / ते विजयने पामे छे / , ['चतुःकृत्वो गति' नामक चित्र-जाति संबंधी प्रश्नोत्तरो।] रीति-१ (1) प्रश्न-पापी पुरुषो केवा होय छे ? उत्तर-ण मोआ-(न मोदाः) हर्ष वगरना। (2) प्रश्न-जिनोनी आज्ञाने शुं करवाथी सुखी थवाय छे ? .. उत्तर-आयरिय-(आचर्य)-पालन करीने / * आ श्लोकमां ‘णमो सिद्धाणं' पद विविध प्रश्नोना उत्तरमा पांच रीते प्रकट थाय छे, तेथी तेने ‘पंचकृत्वो गति' पांच प्रकारे प्रकटेलु मनाय छ। ...... . 30