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________________ 362 परमेष्ट्यादिपदगर्भितमन्त्रादयः। [प्राकृते [ब]"ॐ हाँ श्रीँ कलिकुण्डदण्डस्वामिन् !आगच्छ आगच्छ परविद्याच्छेदं कुरु कुरु स्वाहा॥" ततोऽञ्जलिमुद्रया[क] "ॐ हाँ हाँ हूँ हाँ हूँः असि आ उ सा स्वाहा // " [R आदर्श एतदनन्तरमधिकोऽयं पाठः। [3] "ॐ अहँ नमः / नमोऽस्तु गरुडचन्द्राय ॐ हाँ सर्वार्थसाधिकायै नमः // " ततो घरघट्टमुद्रया[इ ] "ॐ अट्टी अट्टी सव्वहं पिसुणहं दलणघरट्टी रण राउलि संगामि जो सुमरइ अट्टी सीह-सप्प-चोर-पिसुणभय बंधी अंधावट्टी // " ततः सौभाग्यमुद्रया सुरभिमुद्रया च मौल(लौ )मन्त्रध्यानम् / ततो ध्यानप्रान्ते10 [फ] "ॐ नमो अरिहंताणं हृदयं रक्ष रक्ष स्वाहा / ॐनमो सव्वसिद्धाणं ललाटं रक्ष रक्ष स्वाहा / ॐ नमो आयरियाणं कवचं रक्ष रक्ष स्वाहा। ॐनमो उवज्झायाणं शिखां रक्ष रक्ष स्वाहा / ॐ नमो लोए सव्वसाहणं अस्त्रं रक्ष रक्ष स्वाहा / इति त्रिसन्ध्यं नित्यकृत्यम् // 15 [ग]"ॐ नमो भगवति कामेश्वरि ! अन्नपूर्ण भवतु स्वाहा // " - उपयोगकायोत्सर्गे नमस्कारचिन्तनान्तरं वार 3 स्मर्यते // [ह] "ॐक्षी क्षी क्षी क्षःक्षःक्षः यः यः यः ला ला ला हुं फट् स्वाहा // " वासाक्षताद्यभिमन्त्रणम् // ॐनमः नवकारसत्कयन्त्र महामहिमावंत छ / चौदे पूर्वनो सारोद्धार सर्वकार्यने विषे साक्षात् प्रत्यक्षकल्पद्रुम-चिन्तामणिरत्न सरीखो ए मन्त्र-यन्त्र छ / परिचय 'भत्तिभर०' स्तोत्र उपर मळी आवेली 'नमस्कारव्याख्यानटीका'ना पूर्वभागमा 'पश्चपरमेष्ठितत्त्वसार' नामे उल्लेखायेल संग्रहात्मक कृतिमां परमेष्ठिपदोने लगता सो जेटला मंत्रो उपलब्ध थया तेमांथी केटलाक तेना आम्नाय साथे अहीं आपवामां आव्या छे / केटलाक तज्ज्ञ 25 पुरुषोनी सूचनाना कारणे अहीं अनुवाद आप्यो नथी। केटलाक मंत्रो 'नवकारकल्प' मां आपेला मंत्रो साथे सरखामणी धरावे छे, ज्यारे 'नवकारकल्प मां नमस्कार साथे संबंध नहीं धरावता केटलाये मंत्रो जोवामां आवे छे / आथी अहीं 'नवकारकल्प ना मंत्री नहीं आपतां 'नमस्कारव्याख्यानटीका' मां निर्दिष्ट मंत्रो ज आप्या छ / आ.मंत्रो IRL.V नामनी जुदी जुदी प्रविओ, जेनी फोटोस्टेदिक. कोपी जैन साहित्य 30 विकास मंडळना संग्रहमा छे, तेमाथी पाठांतरो आपवामां आव्या. छे / मंत्रोना शीर्षको अंमे आप्या छ /
SR No.004340
Book TitleNamaskar Swadhyay Prakrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vardhak Sabha
Publication Year1961
Total Pages592
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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