________________ 10 विभाग] नमस्कार स्वाध्याय / 'ज कणयं कणयं चिय ण होइ कालेण तं पुणो लोहं / इय णाण-विसुद्ध-मणा जे साहू ते पुणो साहू // [90-32 ] पंच-महव्वय-जुत्ते ति-गुत्ति-गुत्ते विलुत्त-मिच्छते / वंदामि अप्पमत्ते ते साहू संजमं पत्ते // [95-30] चारित्त-णाण-दंसण-तव-विणय-महाबलेण जिणिऊण / गहियं जेहिं सिव-पुरं णमो णमो ताण साधूणं // [215-9] केइया खणं विबुद्धो विरत्त-समयम्मि काय-मण-गुत्तो / चरण-करणाणुयोगं धम्मज्झयणे अणुगुणेस्सं // [213-14] कइया उवसंत-मणो कम्म-महासेल-कढिण-कुलिसत्थं / वजं पिव अणवजं काहं गोसे पडिक्कमणं // [213-15] कइया कय-कायव्वो सुमणो सुत्तत्थ-पोरिसिं काउं / वेरग्ग-मग्ग-लग्गो धम्मज्झाणम्मि वट्टिस्सं // [213-16 ] कइया णु असंभंतो छट्ठट्ठम-तव-विसेस-सूसंतो। जुय-मेत्त-णिमिय-दिट्ठी गोयर-चरियं पवजिस्सं // [213-17 ] जे सोनुं ते खरेखर सोनुं ज छे, काळ जतां पण ते कदीए लोढुं थतुं नथी; ए प्रमाणे जे 15 साधु ज्ञानथी विशुद्ध मनवाळा छे ते साधुओ ज खरा साधु छे / / [90-32 ] . पंचमहाव्रतथी युक्त, त्रण गुप्तिथी गुप्त, मिथ्यात्वथी विमुक्त अने संयमने प्राप्त थयेला एवा ते अप्रमत्त मुनिवरोने हुं वंदु छु // [95-30] __ ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप अने विनयरूप महासैन्यवडे जेओए ( मोह पर ) विजय मेळवीने शिवपुर ( मोक्षनगर ) प्राप्त कर्यु छे ते साधुओने हुं वारंवार नमस्कार करुं छु / [215-9] 20 - क्यारे पाछली रातना समये क्षणवार जागृत थईने अने काय तथा मननी गुप्तिवाळो बनीने चरणकरणानुयोगने अने धर्मना अध्ययनोने हुं अनुगुणीश ? / / [213-14 ] __ क्यारे उपशान्त मनवाळो थईने कर्मरूपी महाशैलने तोडी नाखवा माटे कठिन वज्र समान अने वज्ज छतां अणवजै (अर्थात्-क्षपकश्रेणी आदि निश्चयनी अपेक्षाए) वर्ण्य होवा छतां (व्यवहारमा आदरणीय होवाथी ) अनवद्य-पवित्र एबुं प्रतिक्रमण हुं प्रभातकाळमां करीश ? [ 213-15 ] 25 क्यारे कृतकृत्य, पवित्र मनवाळो अने वैराग्यमार्गमां तत्पर एवो हुँ सूत्र अने अर्थ पौरुषी करीने धर्मध्यानमा रहीश ? // [ 213-16 ] ___क्यारे असंभ्रान्त, छठ्ठ अठ्ठम आदि तप वडे कृश थयेलो अने धोंसरी प्रमाण दृष्टिवाळो एवो हुँ गौचरी चर्या माटे जईश ? [213-17 ] 1 'कुवलयमाला'मा आवता आ परचुरण श्लोको छे. 2 कोई एक रात्रिना चरम प्रहरमा जागेल कुवलयचंद्र राजा (कथानायिका कुवलयमालानो पति ) आ रीते भावना भावे छे. आ भावना साधुपदने उचित होवाथी अहीं लीधी छे. 3 अहीं 'वज'नो शाब्दिक श्लेष छे.