________________ विभाग] नमस्कार स्वाध्याय। संसि-सुक्के अरिहंते रवि-मंगल सिद्ध गुरु-बुहा सूरी। सैरह उँवझाय केऊ कमेण साहू सणी राहू // 16 // नंदा तिहि अरिहंता भद्दा सिद्धा य सूरिणो य जया / तिहि रित्ता उवझाया पुण्णा साहू सुहं दितु // 17 // संसि-मंगल अरिहंता बुहोय सिद्धा य सुरगुरू सूरी। सुक्कों उवझाय पुणों साहू मंदो सुहं भाणू // 18 // कत्तिय-चित्तों "अरिहा वइसाहो मग्गमास सिद्धा य / पोसो जिट्ठो भद्दव आसोआ सूरिणो सुहया // 19 // माहासाढुज्झाया" फग्गुणमासो य सावणो साहू / "मह मंगलमरिहंता(इ) अचिंतचिंतामणी" दिंतु // 20 // छा०-शशि-शुक्रौ अर्हन्तौ, रवि-मङ्गलौ सिद्धाः, गुरु-बुधौ सूरयः / स्मरतोपाध्यायान् केतुमिति शनि-राहु-साधवः क्रमात् / / 16 // अर्हन्तो नन्दातिथिः, सिद्धाश्च भद्रातिथिः, सूरयः आचार्या विजयातिथिः / उपाध्याया रक्तातिथिः, साधवः [पूर्णातिथिः] ददतु ते सुखम् // 17 // शशि-मङ्गलौ अर्हन्तः, सिद्धाः बुधः, सूरयः सुरगुरवः / शुक्रः उपाध्यायाः, मन्दो भानू राहुरि-(°नु-शनिश्चर इ°)ति साधवः सुखं ददतु // 18 // कार्तिक-चैत्रौ अर्हन्तः, वैशाख-मार्गशीर्षों सिद्धाश्च / पौष-ज्येष्ठ-भाद्रपदाश्विनमासाः सूरयः सुखदाः स्युरिति संबन्धः // 19 // माघाषाढी उपाध्यायाः, फाल्गुनक-श्रावणी साधवः / मह्यं मङ्गलं ददत्वहन्तोऽचिन्त्यचिन्तामणयः // 20 // व्या०-अर्हतां ध्यानं 1 / 6 / 11 नन्दातिथौ कार्यम् / सिद्धानां 2 / 7 / 12 भद्रायाम् / सूरीणां 3 / 8 / 13 जयायाम् / उपाध्यायानां 4 / 9 / 14 रिक्तायाम् / साधूनां 5 / 10 / 15 पूर्णायां तियौ ध्यानं विधेयं सुखार्थम् // 17 // सोम-मङ्गलवारयोरर्हन्तः। बुधवारे सिद्धाः। बृहस्पतिवारे सूरयः, शुक्रवारे उपाध्यायाः / आदित्य-शनिश्चरयोरियोः साधवः ध्यायमानाः सुखं ददतु // 18 // 25 अहंदादीनामानुपूर्व्या मासस्य ध्यानं क्रियते, तदाह-कार्तिकमासे चैत्रमासे च अर्हन्तः। वैशाखमासे मार्गशीर्षमासे च सिद्धाः। पोषमास-ज्येष्ठमास-भाद्र[पद]मासाश्विनमासेषु आचार्या ध्यायमानाः सुखदा भवन्ति ध्यातृणामिति // 19 // माघाषाढमासद्वये उपाध्यायाः। फाल्गुन-श्रावणमासद्वये साधवः चिन्तितार्थचिन्तामणयो मम मङ्गलं विरचयन्तु // 20 // 30 ___ अ०-१ सोम-शुक्रौ।२ बृहस्पति-बुधौ। 3 स्मरत / 4 उपाध्यायः-केतुः, शनिः, राहुः / ५सोम-मङ्गल-बुध-बृहस्पतिः। 6 कार्तिक-चैत्र(त्रौ), वैशाख-मार्गशीर्ष(!), पौष ज्येष्ठ-भाद्रपद-आश्विन(नाः), माघ-आषाढ (ढौ), फाल्गुन-श्रावण(णौ) / 15 20 ७मम। 1 सुक्का N / 2 अरहंता N AI 3 मंडल DI JA, N, A इत्याद्यादर्शेषु षोडशगाथानन्तरं 'पुव्वाणुपुत्वि' इत्यादि 25,26, 27, 28 गाथाचतुष्कं 17, 18, 19, 20 इत्यङ्कनिर्दिष्टाः। 4 तिहिनंदा D 135 5 विजया DAI 6 उज्झाया JBI 7°लमरि DSNAI 8 सुक्कोवज्झाय SDI 9 उज्झायपओ JB, 'पओs। 10 मंदा DI 11 भाj SI 12 अरहा N AI 13°दुवज्झाया D 14 मम JB, DI 15 मणिं D / 16 दिसउ N /