________________ 252 [प्राकृत ध्यानविचारः। परिशिष्ट 3 श्रावकसंख्या (वलय 20) . श्रेयांसादि x x x x x x x x x x x x x x x x x x x x श्राविकासंख्या (वलय 21). सुभद्रादि 554000 545000 636000 527000 516000 505000 493000 491000 471000 458000 448000 436000 424000 414000 413000 393000 381000 372000 370000 350000 348000 महासुव्रतादि 336000 सुनन्दादि 339000 सुलसादि 318000 1 ऋषभ 5 2 अजित 3 संभव 4 अभिनंदन 5 सुमति 6 पद्मप्रभ 7 सुपार्श्व 8 चन्द्रप्रभ 9 सुविधि 10 शीतल 11 श्रेयांस 15 12 वासुपूज्य 13 विमल 14 अनंत 15 धर्म 16 शांति 20 17 कुन्थु 18 अर 19 मल्लि 20 मुनिसुव्रत 21 नमि 25 22 नेमि 23 पार्श्व 24 वर्द्धमान x 305000 298000 293000 288000 281000 276000 257000 250000 229000 289000 279000 215000 208000 206000 204000 290000 179000 184000 183000 172000 170000 169000 164000 159000 x x x x x x x x x x x x x x x x x नन्दादि सुद्योतादि आनंदादि 4 अप्रसिद्ध