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________________ 5 232 ध्यानविचारः। [प्राकृत. दिक्कुमारी 56 वलयम् // (13) इन्द्र 64 वलयम् // (14) यक्षिणी 24 वलयम् // (15) यक्ष 24 वलयम् // (16) (13) तेरमा वलयमा 56 दिक्कुमारिकाओनी स्थापना करवामां आवे छे / (14) चौदमा वलयमा 64 इन्द्रोनी स्थापना करवामां आवे छे / (15) पंदरमा वलयमा 24 यक्षिणीओनी स्थापना करवामां आवे छे। (16) सोळमा वलयमा 24 यक्षोनी स्थापना करवामां आवे छे / 1. 56 दिक्कुमारीओनां नामो नीचे मुजब छे:10 (1) भोगंकरा (2) भोगवती (3) सुभोगा (4) भोगमालिनी (5) सुवत्सा (6) वत्समित्रा (7) पुष्पमाला (8) अनिन्दिता (9) मेघंकरा (10) मेघवती (11) सुमेघा (12) मेघमालिनी (13) तोयधारा (14) विचित्रा (15) वारिषेणा (16) बलाहका (17) नंदा (18) उत्तरानंदा (19) आनंदा (20) नन्दिवर्धना (21) विजया . (22) वैजयन्ती (23) जयन्ती (24) अपराजिता (25) समाहारा (26) सुप्रदत्ता (27) सुप्रबुद्धा (28) यशोधरा (29) लक्ष्मीवती (30) शेषवती (31) चित्रगुप्ता (32) वसुंधरा (33) इलादेवी (34) सुरादेवी (35) पृथिवी 15 (36) पद्मवती (37) एकनासा (38) नवमिका (39) भद्रा (40) शीता (41) अलंबुसा (42) मितकेशी (43) पुंडरीका (44) वारुणी (45) हासा (46) सर्वप्रभा (47) श्री (48) ह्री (49) चित्रा (50) चित्रकनका (51) शतेरा (52) वसुदामिनी (53) रूपा (54) रूपासिका (55) सुरूपा (56) रूपकावती। -कल्पसूत्र टीका, पञ्चमं व्याख्यानम् 2. 64 इन्द्रोनां नामो नीचे मुजब छे:20 (1) सौधर्मेन्द्र (2) ईशानेंद्र (3) सनत्कुमारेंद्र (4) माहेंद्र (5) ब्रह्मेद्र (6) लान्तकेंद्र (7) महाशुकेंद्र (8) सहस्रारेंद्र (9) प्राणतेंद्र (10) अच्युतेंद्र (11) चमरेंद्र (12) बलीन्द्र (13) धरणेंद्र (14) भूतानंदेंद्र (15) हरिकांतेंद्र (16) हरिषहेंद्र (17) वेणुदेवेन्द्र (18) वेणुदारीन्द्र (19) अग्निशिखेंद्र (20) अग्निमाणवेंद्र (21) वेलंबेंद्र (22) प्रभञ्जनेंद्र (23) घोषंद्र (24) महाघोषंद्र (25) जलकांतेंद्र (26) जलप्रभेद्र (27) पूर्णंद्र (28) अवशिष्टेंद्र (29) अमितगतीन्द्र (30) अमितवाहनेंद्र (31) किन्नरेंद्र (32) किंपुरुषंद्र. (33) सत्पुरुषंद्र (34) 25 महापुरुषंद्र (35) अतिकायेंद्र (36) महाकायेंद्र (37) गीतरतीन्द्र (38) गीतयशेंद्र (39) पूर्णभद्रेद्र (40) माणिभद्रेद्र (41) भीमेंद्र (42) महाभीमेंद्र (43) सुरूपेंद्र (44) प्रतिरूपेंद्र (45) कालेंद्र (46) महाकालेंद्र (47) संनिहितेंद्र (48) सामानेंद्र (49) धाता इंद्र (50) विधाता इंद्र (51) ऋषीन्द्र (52) ऋषिपालेंद्र (53) ईश्वरेंद्र (54) महेश्वरेंद्र (55) सुवत्स इंद्र (56) विशालेंद्र (57) हास्येंद्र (58) हास्यरतीन्द्र (59) श्वेतेंद्र (60) महाश्वेतेंद्र (61) पतंगेंद्र (62) पतंगपतीन्द्र (63) चंद्र (64) सूर्य / -त्रिषष्टिशलाका पु.च० पर्व 303. 24 यक्षिणीओनां नामो नीचे मुजब छे: (1) अप्रतिचक्रा (2) अजितबला (3) दुरितारि (4) कालिका (5) महाकाली (6) अच्युता (7) शान्ता (8) भृकुटि (9) सुतारा (10) अशोका (11) मानवी (12) चण्डा (13) विदिता (14) अंकुशा (15) कन्दर्पा (16) निर्वाणी (17) बलादेवी (18) धारिणी (19) वैरोट्या (20) नरदत्ता (21) गांधारी (22) कूष्मांडी (अंबिका) (23) पद्मावती (24) सिद्धायिका / 354. 24 यक्षोनां नामो नीचे मुजब छे: (1) गोमुख (2) महायक्ष (3) त्रिमुख (4) यक्षेश (5) तुंबरु (6) कुसुम (7) मातंग (8) विजय (9) अजित (10) ब्रह्म (11) ईश्वर (12) कुमार (13) षण्मुख (14) पाताल (15) किन्नर (16) गरुड (17) गन्धर्व (18) यक्षेन्द्र (19) कुबेर (20) वरुण (21) भृकुटि (22) गोमेध (23) पार्श्व (24) मातंग। .
SR No.004340
Book TitleNamaskar Swadhyay Prakrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vardhak Sabha
Publication Year1961
Total Pages592
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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