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________________ 230 ध्यानविचारः। [प्राकृत निरक्षरवलयं-ध्यान-परमध्यानयोः शुभाक्षरवलये प्रविष्टत्वात् शेषध्यानभेदाः 22 न्यस्यन्ते यत्र // (5). सकलीकरणवलयं-पृथिव्यप्-तेजो-वाय्वाकाशमण्डलपञ्चकात्मकम् // (6) परस्परावलोकनव्यग्रवामजानुन्यस्ततीर्थंकरमात 24 वलयम् // (7) तीर्थङ्करपितृ 24 वलयम् // (8) अतीता-ऽनागत-वर्तमानभावतीर्थङ्करनामाक्षरवलयम् // (9) (5) ध्यानना 'ध्यान', 'परमध्यान' वगेरे 24 भेदो छे ते पैकीना प्रथम बे भेद-'ध्यान' अने ‘परमध्यान' प्रथम शुभाक्षरवलयमां आवी जाय छे / तेथी बाकी रहेला 22 भेदोनो पांचमा 'निरक्षर वलय'मां न्यास करवामां आवे छे / (6) छटुं 'सकलीकरणवलय' पृथ्वीमंडल, अपमंडल, तेजोमयमंडल, वायुमंडल तथा आकाश10 मंडल-आ पांच मंडल स्वरूप छ। (7) जेओ परस्पर अबलोकन करवामां व्यग्र छे तेमज जेमणे डाबा ढींचण उपर पोताना बाळकोतीर्थंकरोने बेसाडेला छे तेवी 24 तीर्थंकरोनी माताओनी सातमा वलयमा स्थापना करवामां आवे छ।' (8) आठमुं वलय 24 तीर्थंकरोना पिताओनुं छे। (9) नवमा वलयमां भूत, भविष्यं अने वर्तमानकाळनी चोवीशीओना भाव तीर्थंकरोना नामोना 15 अक्षरोनी स्थापना करवामां आवे छे। . 1. 24 तीर्थकरोनी माताओनां नामो अनुक्रमे नीचे मुजब छे: ___ (1) मरुदेवा (2) विजया (3) सेनादेवी (4) सिद्धार्था (5) मंगला (6) सुसीमा (7) पृथ्वी (8) लक्ष्मणा (9) रामा (10) नंदा (11) विष्णु (12) जया (13) श्यामा (14) सुयशा (15) सुव्रता (16) अचिरा (17) श्री (18) देवी (19) प्रभावती (20) पद्मावती (21) वप्रादेवी (22) शिवादेवी (23) वामादेवी (24) त्रिशलादेवी। 202. चोवीश तीर्थकरोना पिताओनां नामो नीचे मुजब छे: (1) नाभिराजा (2) जितशत्रु (3) जितारि (4) संवर (5) मेघ (6) धर (7) प्रतिष्ठ (8) महासेन (9) सुग्रीव (10) दृढरथ (11) विष्णुराज (12) वसुपूज्य (13) कृतवर्मा (14) सिंहसेन (15) भानु (16) विश्वसेन (17) सूर (18) सुदर्शन (19) कुंभ (20) सुमित्र (21) विजय (22) समुद्रविजय (23) अश्वसेन (24) सिद्धार्थ / 25 3. भूतकालीन चोवीश तीर्थकरोनां नामो नीचे मुजब छ : (1) केवलज्ञानी (2) निर्वाणी (3) सागर (4) महायश (5) विमल (6) सर्वानुभूति (7) श्रीधर (8) दत्त (9) दामोदर (10) सुतेज (11) स्वामी (12) मुनिसुव्रत (13) सुमति (14) शिवगति, (15) अस्ताग (16) निमीश्वर (17) अनिल (18) यशोधर (19) कृतार्थ (20) जिनेश्वर (21) शुद्धमति (22) शिवकर (23) स्यन्दन (24) संप्रति। 4. भविष्यकालना चोवीश तीर्थकरोनां नामो नीचे मजब छे:30 (1) पद्मनाभ (2) शूरदेव (3) सुपार्श्व (4) स्वयंप्रभ (5) सर्वानुभूति (6) देवश्रुत (7) उदय (8) पेढाल (9) पोट्टिल (10) शतकीर्ति (11) सुव्रत (12) अमम (13) निष्कषाय (14) निष्पुलाक (15) निर्मम (16) चित्रगुप्त (17) समाधि (18) संवर (19) यशोधर (20) विजय (21) भल्ल (22) देव (23) अनन्तवीर्य (24) भद्रकृत् / 5. वर्तमानकालना चोवीश तीर्थकरोनां नामो नीचे मुजब छे: - (1) ऋषभ (2) अजित (3) संभव (4) अभिनन्दन (5) सुमति (6) पद्मप्रभ (7) सुपार्श्व (8) चन्द्रप्रभ 35 (9) सुविधि (10) शीतल (11) श्रेयांस (12) वासुपूज्य (13) विमल (14) अनंत (15) धर्म (16) शान्ति (17) कुन्थु (18) अर (19) मल्लि (20) मुनिसुव्रत (21) नमि (22) नेमि (23) पार्श्व (24) महावीर /
SR No.004340
Book TitleNamaskar Swadhyay Prakrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vardhak Sabha
Publication Year1961
Total Pages592
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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