________________ 186 अर्हन्नमस्कारापलिका। [प्राकृत नमो गोक्खीरधाराधवलमंसरुहिरधारगाणं अरिहंताणं // 21 // नमो मंदारपार(रि)जायकुसुमसंजणिअसुरहिसासूसासाणं अरिहंताणं // 22 // नमो छत्त-चामर-पडाग-जूव-जवलंछिअकरचरणाणं अरिहंताणं // 23 // नमो अट्ठाहिअसहस्सेणं लक्खणगणेणं संसोहिआणं अरिहंताणं // 24 // नमो देविंदाइट्ठपंचदेवगणाहिं कयधाइकम्माणं अरिहंताणं // 25 // नमो अवरावरसुरकुमारसमं संकीलगाणं अरिहंताणं // 26 // नमो बालत्तणम्मि अबालभावाणं अरिहंताणं // 27 // नमो सव्वकलाविन्नाणसमूहपारसंपत्ताणं अरिहंताणं // 28 // नमो तेलुकच्छरिअकारगरूवजुव्वणगुणसंपत्ताणं अरिहंताणं // 29 // 10 नमो गामायारपरीसहविप्पमुक्कबालबंभयारीणं अरिहंताणं // 30 // नमो गामायारपरीसहअहिआसगविवाहकंकणमंडिआणं अरिहंताणं // 31 // गायना दूधनी धारा जेवा श्वेत मांस अने रुधिरने धारण करना। अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ // 21 // मंदार अने पारिजातनां पुष्पोथी उत्पन्न थती सुरभि गंध जेवा श्वास अने उच्छ्वास छे जेमना 15 एवा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ // 22 // छत्र, चामर, पताका, यूप (स्तंभविशेष) अने जवना लक्षण चिह्नोवाला हाथ अने पग छे जेमना एवा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ // 23 // एक हजार आठ लक्षणोना समूहथी सुशोभित एवा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ // 24 // इंद्रोनी आज्ञाथी पांच देवांगनाओए कयुं छे धातृपणुं–धाईनें कार्य जेमनुं एवा अरिहंत 20 भगवंतोने नमस्कार थाओ // 25 // - जुदा जुदा देवकुमारोनी साथे क्रीडा करनारा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार- थाओ // 26 // बाळपणमां पण जेमने बाळभाव नथी एवा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ // 27 // समग्र कला, विज्ञानना समूहने पार पहोंचेला एवा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ // 28 // त्रणे लोकने आश्चर्य करावे एवा रूप अने यौवनना गुणोने प्राप्त थयेला अरिहंत भगवंतोने 25 नमस्कार थाओ // 29 // मैथुन परीषहथी सर्वथा रहित एवा बालब्रह्मचारी अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ (अथवा ग्रामाचार एटले ग्राम-पांच इंद्रियो-नी प्रवृत्तिना परीषह एटले स्वच्छंदताभरी प्रवृत्तिओथी रहित बालब्रह्मचारी एवा....) // 30 // 30 मैथुन परीषहथी बचावनारां विवाहकंकणोथी शोभता एवा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ // 31 // 1. लवखणगुणेणं P / 2 देवगणाहिं A1 3 समं कील'AI 4 "गामधम्म” शब्द आचारांग, सूयगडांग वगेरे सूत्रोमां आवे छे, तेनो अर्थ "मैथुन" थाय छ। 5 कोई स्त्री वगेरे आवीने उपसर्ग न करे ते माटे पोते विवाहित छे ए बताववा कंकणो राखेला होय छे / ते काळमां विवाहकंकणोनी प्रथा हती।