________________ [10] अर हं त ण मो का रा व लिया। अर्हन्ननमस्कारावलिका। (श्रीअर्हतोऽष्टोत्तरशतगुणवर्णनम् / ) // 0 श्रीवीतरागः // नमो चउदसमहास(सु)मिणसंसूइय अवयारकारगाणं अरिहंताणं // 1 // नमो गब्भट्ठियतियनाणसंजुत्ताणं अरिहंताणं // 2 // नमो गब्भट्ठियचउसहिदेविंदसंथुआणं अरिहंताणं // 3 // नमो गब्भट्ठियमहाजोगब्भासीणं अरिहंताणं // 4 // नमो तेल्लोक्कदिवायरजम्मोदयसंपत्ताणं अरिहंताणं // 5 // नमो सव्वजीवसुहदायगजम्मकल्लाणगसंपत्ताणं अरिहंताणं // 6 // नमो छप्पनदिसाकुमारिकयसुइकम्माणं अरिहंताणं // 7 // नमो देविंदकरसंप(पु)डसंठिआणं अरिहंताणं // 8 // नमो मेरुमत्थयठिअसिंहासणसंनिविट्ठाणं अरिहंताणं // 9 // नमो सव्वसुरासुरकयकुस(सु)मंजलिए संपूइआणं अरिहंताणं // 10 // अनुवाद / चौद महास्वप्नोथी सूचित अवतारने प्राप्त करनारा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ। 1 / गर्भमां ज त्रण ज्ञानथी युक्त एवा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ / 2 / गर्भमा रहेतां ज चोसठ देवेन्द्रोथी स्तुति करायेला अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ / 3 / गर्भमां ज महायोगना अभ्यासी एवा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ। 4 / जन्मथी त्रण लोकमां सूर्य समान उदय पामनारा एवा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ। 5 / समग्र जीबोने सुखदायक एवां जन्म कल्याणकने प्राप्त करनारा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ। 6 / छप्पन दिशाकुमारीओए जेमनुं शुद्धि( सूतिका )कर्म कर्यु छे एवा अरिहंत भगवंतोने 25 नमस्कार थाओ। 7 / देवेन्द्रोना हस्तसंपुटमा रहेला एवा अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ। 8 / मेरुपर्वतना शिखरमा रहेला सिंहासन उपर बेठेला अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ। 9 / समग्र देवताओ अने असुरोए करेली कुसुमांजलिथी सारी रीते पूजायेला अरिहंत भगवंतोने नमस्कार थाओ। 10 / 20