________________ यंत्र-चित्र परिचय 'मनुज' वाचवू / यंत्र-चित्र नं 15 (ब्रह्मद्वारे ब्रह्मबिन्दुचक्रं नवमम्) मां 'ब्रह्मद्वारे' शब्दने बदले 'ब्रह्मनाडीद्वारे वांचवू अने यंत्र-चित्र नं. 16 (ब्रह्मद्वारोपरि हसनादचक्रं दशमम्) मा 'हसनाद' ने स्थाने 'हंसनाद' वांचएँ / यंत्र-चित्र नं. १७-नादवलयितह्रींकारोदरस्थौकारोदरस्थ-अहूंकारः श्री सिद्धचक्रयन्त्रना मूळपीठमां आदिबीज तरीके जे ॐ ह्री अहूंनी स्थापना थाय छे ते अहीं अनाहतनादना वलय सहित दर्शाववामां आवेल छे। विशेष परिचय माटे जुओ पृष्ठ 467. यंत्र-चित्र माटे जुओ पृष्ठ 518. ग्रंथने छेडे आपेल अन्य उपयोगी यंत्र-चित्रोनो परिचय:(१) ' 'कारः (पृ. 519) आ प्राकृत शैलीनो 6कार छ / आकृति जोतां तुरत समजाशे के 'उ' उपरना छेडाने लंबाववाथी 'ई' (ओ) बनावेल छ; अने तेना उपर कला, बिन्दु तथा नाद आलेखेल छ / अहीं नाद A सौथी उपर छ / (2) बँकारयन्त्रम् (पृ. 519) ___ आ यंत्र एक हस्तप्रतमा दोरेलु मळ्यु हतुं, ते परथी तैयार करवामां आव्यु छे / 'ॐ' कारना ध्यान . माटे आ उपयोगी यंत्र छ / (3) ह्रीकारः (पृ. 520) __आ प्राकृत शैलीनो 'ह्रीं'कार छ / तेमां अनुक्रमे कला, बिन्दु तथा नादनी स्पष्ट आकृतिओ आलेखवामां आवी छ। (4) नमस्कार-यंत्र (पृ. 521) . आ यंत्रमा सचित्र 'नमस्कार मंत्र' आपवामां आव्यो छे / आथी ध्याताने विशेष भक्तिपूर्वक मन केंद्रित करवानुं सरळ पडे / (5) गीर्वाणयन्त्रम् (पृ. 521) आ यत्र श्री मोहनलाल भगवानदास झवेरीनी नोट-बुकमाथी प्राप्त थयुं हतुं / तेओश्रीए मुनिश्री मोहनलालजी महाराज पासेथी आ साहित्य प्राप्त कर्यु हतुं एवो तेमा उल्लेख छ / यंत्र- अहीं आपेल नाम ए नोटबुकना आधारे छे। तेमां 'गीर्वाणयन्त्रम्' एवं नाम शाथी आपवामां आव्यु छे ते यंत्रने लक्ष्यमा राखतां बराबर समजातुं नथी / 'गीर्वाणयन्त्रम्'ने बदल 'निर्वाणयन्त्रम्' नाम ठीक लागे छ। 'नमस्कार मंत्र अडसठ अक्षर प्रमाण छे' ए मान्यतानुं आ यंत्र समर्थन करे छे / (6) नमस्काराष्टकम् (पृ. 522-23) पृ. 522 अने 523 परना बे चित्रोमां अनुक्रमे चार चार एम कुल मळी नमस्कारना भिन्न भिन्न आठ प्रकारो रजू करवामां आव्या छे / ते दरेक प्रकारनां चोक्कस नाम नीचे प्रमाणे छः (1) कायिक नमस्कार [पञ्चाङ्ग प्रणिपात-पणिवयामि] (5) द्रव्यसमर्पण नमस्कार [पूजन-अर्चन-नमंसणयं] (2) वाचिक नमस्कार [प्रणिधान स्तवाञ्जलि-थोसामि] (6) आत्मसमर्पण नमस्कार [शरणोपसरण-सरणं] (3) मानसिक नमस्कार [भावावनमन-नमो] (7) विनय नमस्कार [पर्युपासना-उवणमे] (4) स्मरण नमस्कार [नामकीर्तन-कित्तणं] (8) आध्यात्मिक नमस्कार [प्रणाम कायोत्सर्ग-पणमामि]