________________ नमस्कार स्वाध्याय ग्रंथमांथी सूचित थतां सत्तर यंत्र-चित्रोनो परिचय :यंत्र-चित्र नं. १-श्री पञ्चनमस्कारचक्रम् आ यंत्रनी आकृति अगर तो तेनो पट हजुसुधी लब्ध थयो नथी। अहीं जे यंत्र रजू करवामां आव्युं छे ते पृष्ठ 213 पर आपेल 'पञ्चनमस्कारचक्रोद्धारविधि' मांना आम्नाय अनुसार चित्रकार पासे तैयार कराव्युं छे। आ आलेखनविधिनो मंत्रोल्लेख “अरिहाणाइथुत्तं "मां आवे छे। (जुओ पृष्ठ 207). आ यंत्रने 'वर्धमानचक्र' अथवा 'पंचपरमेष्ठिचक्र' तरीके पण ओळखाववामां आवे छे। विशेष परिचय माटे जुओ पृष्ठ 211 तथा पृष्ठ 224 / आ यंत्र-चित्र पृष्ठ 212 नी सामे आपवामां आव्यु छे / यंत्र-चित्र नं.-ध्यानविचार' प्रस्तावे ध्यानमार्गस्य विंशतितमे भेदे परममात्रानामा चतुर्विंशति वलयैः परिवेष्टित आत्मध्यानप्रकार: आ यंत्र पृष्ठ 225 उपर प्रकाशित करेल ध्यानविचारान्तर्गत 'परममात्राध्यानम्' (पृ. 229) ना आम्नाय परथी तैयार करवामां आव्यु छ / आ विषय हजु विशेष विचारणा मागे छे / तेना वधु परिचय माटे जुओ संस्था तरफथी अलग प्रकट थयेल 'ध्यानविचार' नुं निवेदन। यंत्र-चित्र पृष्ठ 228 नी सामे आपवामां आव्यु छ / यंत्र-चित्र नं.३-वर्धमानविद्यायन्त्रपटः . श्री वर्धमानविद्याना यन्त्रपटनी गणि-पाठक-पंन्यास पदधारी मुनिवरो आराधना करे छे। आ यन्त्रनी आराधनानो आम्नाय गुरुगमथी जाणी लेवो। तेमां आवता मंत्र वगेरे माटे जुओ प्रस्तुत ग्रंथमां पृष्ठ 104 पर आपेल 'वद्धमाणविज्जाविही' / यंत्र-चित्र पृष्ठ 104 नी सामे आपेल छे। यंत्र-चित्र नं. ४-परस्परावलोकनव्यग्रवामजानुन्यस्ततीर्थकरमातरः : चोवीश तीर्थकरोनी चोवीश माताओनो आ पट पाटणमा कोकाना पाडाना देरासरमां तेमज श्री शंखेश्वरजी तीर्थमा भमतीमा बन्ने बाजु कंडारेलो जोवा मळे छे। आ ग्रंथमा प्रकाशित थयेल उपर्युक्त 'ध्यानविचार' मां पृष्ठ 230 पर 'तीर्थकरमातृवलयम्'नो उल्लेख छे अने तेना अनुसंधानमां आ चित्र अहीं आपेलुं छे। तीर्थकरनी माताओना नामो माटे जुओ पृष्ठ 230 नीचे आपेल फूटनोट / यंत्र-चित्र पृष्ठ 513 पर आपवामां आव्युं छे। विशेष परिचय माटे जुओ संस्था तरफथी अलग प्रकट थयेल 'ध्यानविचार 'न निवेदन / यंत्र-चित्र नं. ५-शृङ्खलाजाति चित्रबंध - पृष्ठ 389 पर प्रकट थयेल "पण्हगब्भं पंचपरमिहिथवणं "मां 'शृङ्खलाजातिस्त्रिर्गत' नो उल्लेख छे ते परी आ यंत्र तैयार करवामां आव्यु छे। विशेष परिचय माटे जुओ पृ. 395. यंत्र-चित्र माटे जुओ पृष्ठ : 514. यंत्र-चित्र नं.-अष्टदलकमलबंध आ यंत्र पण उपर्युक्त "पण्हगब्भं पंचपरमिट्टिथवणं" मां निर्दिष्ट 'अष्टदलकमलम्' (पृष्ठः 394) परथी तैयार कराव्यु छ / विशेष परिचय माटे जुओ पृष्ठ 395. यंत्र-चित्र माटे जुओ पृष्ठः 514. यत्रं-चित्र नं.७थी यंत्र-चित्र नं.१६-पृ. 514 थी 518 आ दश यंत्र चित्रो (स्वाधिष्ठान आदि दश चक्रो) पृष्ठ 396 पर प्रकट थयेल "चडस्विहयाणवतं" नामना एक ज स्तोत्र परथी तैयार कराव्यां छे। जेमाथी आ स्तोत्र प्राप्त थयुं ते सद्गत श्री मोहनलाल भगवानदास झवेरीनी नोटबुकमां आ यंत्रोनी आकृतिओ हाथथी दोरेली हती अने एने आधारे ज आ यंत्रो विशेष व्यवस्थित रीते चित्रकार पासे तैयार करावी रजू करवामां आव्यां छे। वधु परिचय माटे जुओ पृ. 398 / आ दश चक्रो पैकी यंत्र-चित्र नं. 10 (हृदये अनाहतचक्रं चतुर्थम् ) मां 'पज्ञप्ती' ने स्थाने 'प्रज्ञप्ति' वांचq / यंत्र-चित्र नं. 11 (कण्ठे विशुद्धिचक्रं पञ्चमम् ) मां 'विशुद्धि' ने बदले 'विशुद्ध' तथा 'यक्षेट्' ने स्थाने