________________ 136 णमोकारणिजुत्ती। [प्राकृत आ चारेना आवा गुणो हता। ते राजाने पुत्र नहोतो, तेथी काम-भोगथी निर्वेद पामीने प्रव्रज्या लेवानी इच्छा राखतो हतो। ___ आ तरफ पाटलीपुत्र नगरना जितशत्रु राजाए तेनी नगरीने घेरो घाल्यो। ए वेळाए राजाने पूर्वकर्मना परिणामथी भारे शूळ ऊपज्युं / तेथी एणे भोजन न लेवानुं पञ्चक्खाण कर्यु / ए मरीने 5 स्वर्गे गयो / नगरजनोए ए नगर जितशत्रुने आपी दीधुं / एणे पेला चार श्रावकोने बोलावीने पूछ्यु के, तमे शुं काम करो छे ? भंडारीए राजाने भंडारमा दाखल कर्यो पण एणे कई दीठं नहीं / बीजा द्वारथी (प्रवेश करावी भंडार ) बताव्यो / शय्यापाले एवी शय्या रची के, मुहूर्ते मुहूर्ते ने ऊठी जतो / रसोईयाए एवी रसोइ बनावी के जेथी ते वारंवार जमवा लाग्यो / तेल चोळनारे ( बने पगमा तेल चोळी) 10 एक पगमाथी बधुं तेल बहार काढ्यं, पण बीजामाथी काढ्यु नहीं, अने मारा जेवो बीजो कोई चालाक होय तो ते काढी आपे, एम कर्दा। ___ चारे जणे दीक्षा लीधी / पेलो जितशत्रु राजा तेलथी दाझ्यो अने ए काळो पडी गयो / आथी एनुं नाम काकवर्ण पड्यु / ___आ तरफ सोपारामां दुकाळ पड्यो / कोकास उज्जैनी गयो / राजाने केवी रीते जाण करवी 15 ए विचारता (यांत्रिक) कबूतरो द्वारा राजाना गंधशालि (एक जातना सुगंधी चोखा) हरवा मांड्या / कोठारीओए (राजाने) कह्यु, तपास करतां कोकास नजरे पड्यो, एने (राजा पासे) लाववामां आव्यो / राजाए एने ओळख्यो अने एना भरणपोषणनी व्यवस्था करी। ___ कोकासे गरुडयंत्र बनाव्यु / राजा, राणी अने आ कोकास साथे (आकाशमा) विहरवा लाग्या / जे कोई राजा एने नमतो नहि तेने ए कहेतो के, हुं आकाशमाथी आवीने तमने मारीश / 20 (बीकना मार्या) बधा (राजाओ) वश थया / __काकवर्णनी राणीने बीजी राणीओ (एमां बेसवाने ) पूछ्या करती। एके आ (गरुडयंत्र) जतुं हतुं त्यारे एनी पाछा फरवानी एक खीली ईर्ष्याना कारणे लई लीधी / गरुडयंत्र उड्यु / पाछा फरवानो विचार थयो त्यारे पार्छ फरतुं नथी एवी खबर पडी। (आखरे ए यंत्र ) ऊंचे ऊंचे जतां कलिंगमा तरवारनी धारा जेवी वेलथी एनी पांखो भांगी गई अने ए त्यां पड्यु / कोकास ए जोडवा माटेनां साधनो लेवा ते नगरमा गयो। त्यांनो सुथार रथ बनावतो हतो। एणे एक चक्र पूरूं बनाव्युं हतुं, बीजुं कंईक बाकी हतुं, त्यारे कोकासे ओजारो माग्यो / रथकारे कह्यु, आ तो राजानां होवाथी बहार कढातां नथी एटले घेरथी लावी आपुं / (एम कही) ए गयो / एटलामा कोकासे एबुं चक्र बनाव्यु के, ऊंचु राखवामां आवे तो (उपर ) जाय / कोई साथे अथडाय तो पार्छ फरे अने पाछळ मों राखीने जाय तो पडे नहीं, बीजानुं ( कोई यंत्र ) 30 होय तो नाश पामे, अथडाय तो पडे / ते ( रथकार ) आव्यो अने जूए छे तो ते (यंत्र ) तैयार थई गयुं हतुं / एणे वेगथी जईने राजाने खबर आपी के कोकास आव्यो छे, जेना बळना कारणे काकवणे बधा राजाओने वश कर्या छ /