________________ विभाग] नमस्कार स्वाध्याय / 103 उपवासनुं प्रमाण आ रीते गणवामां आवे छे-तिविहार के चउविहार उपवास करे तो ते एक उपवास गणाय छ; अथवा 2 आयंबिल, 3 नीवी, 4 एकासणां, 8 चउविहार पुरिमड्ड, 12 तिविहार पुरिमड्ड के 16 दुविहार पुरिमड्ड करे तो ते एक उपवास गणाय छ / __ आ प्रमाणने ध्यानमा राखीने उपधानमां बतावेला तपनुं प्रमाण आ रीते पूर्ण करवामां आवे छे प्रथमना 18 दिवस(अढारिया) ना तपमा 9 उपवास अने 9 एकासणां एकांतरे कराय छ / तेमां 9 एकासणांना 21 उपवास गणतां कुल 111 उपवास थाय / दरेक एकासणाना दिवसे चउविहार पुरिमट्ट कराय छे ते दरेकना ? उपवास गणतां 11 उपवास थाय / ते उमेरतां 11+1=123 उपवासनुं प्रमाण थाय छ। आमां जे 12 // उपवास पूर्ण करवामां ? उपवास खूटे ते एक एकासणाना बदले आयंविल करावीने ए तपस्यानुं प्रमाण पूरुं करवामां आवे 10 छ। आयंबिल अने उपवासना दिवसोमां जे पुरिमट्ट करवामां आवे छे ते ए तपस्यानी अंतर्गत गणवामां आवे छे / वळी, शुक्ल पक्षनी पांचम, आठम, चौदश अने कृष्ण पक्षनी आठम, चौदशनी तिथिओमा एकासणुं आवे तो आयंबिल करवानुं होय छे / आ रीते पहेलु उपधान तप पूर्ण कराय छ / बीजा उपधान तपना अढारियामां पण उपर मुजब तप करवानुं होय छे / त्रीजु उपधान जे 35 दिवसतुं अने पांचमुं उपधान जे 28 दिवसतुं करवामां आवे छे ते 15 पहेला अने बीजा उपधान तपनी साथे ज वहन करवामां आवे तो एकांतरे उपवास अने एकासणानुं तप करवानुं होय छे अने ए उपधान तपो जूदां वहन करवानां होय तो पहेलां 3 उपवास, ते पछी 31 आयंबिल अने छेल्लो उपवास करीने 19 // उपवासर्नु तप पूर्ण कराय छे / पांचमा उपधान-तपमा प्रथम 3 उपवास अने ते पछी 25 आयंबिल करीने 15 // उपवासनुं तप पूर्ण कराय छे। चोथु उपधान चार दिवसनु होय छे / तेमां पहेलां 1 उपवास अने ते पछी 3 आयंबिल करीने कुल 2 // उपवासनी तपस्या पूर्ण थाय छे / छ8 उपधान सात दिवसर्नु होय छे / तेमा प्रथम उपवास, ते पछी 5 आयंबिल अने छेल्लो उपवास करीने 4 // उपवासनुं तप पूर्ण कराय छ / ____ आ स्तोत्रमा ( गाथा 7 ) तेमज 'महानिशीथसूत्र' मां 'उपधान करनार अशक्त होय तो 25 उषधान तपनुं प्रमाण पोतानी शक्ति अनुसार पूर्ण करे' एम जे कहेवामां आव्युं छे ते विधि आजे प्रचलित नथी। 20