________________ 102 उवहाणविहिथुत्तं / [प्राकृत आ स्तोत्रमा नमस्कार सूत्र, ईरियावही-तस्स उत्तरी सूत्र, नमोत्थु णं सूत्र, अरिहंत चेईयाणं सूत्र-अन्नत्थ सूत्र, लोगस्स सूत्र, पुक्खरवरदीवड्डे सूत्र, सिद्धाणंबुद्धाणं सूत्र अने वेयावच्चगराणं सूत्रनी वाचनाना उपधान-दिवसो अने तप विशे माहिती आपी छ। ___ आ उपधानविधिनुं मूळ 'महानिशीथसूत्र' मां गद्यस्वरूपे आलेखेलु मळे छे अने ते उपरांत 5 बीजां पण उपधानविषयक स्तोत्रो उपलब्ध छे, छतां श्रीमानदेवसूरिनी आ कृति प्राकृतमा पद्यबद्ध स्तोत्ररूपे विशेष माहिती आपती होवाथी अने श्रीजिनप्रभसूरिए प्रमाण तरीके उल्लेखेल होवाथी अहीं आपवामां आवी छ। ___ आ उपधानविधिमां अने चालु उपधानविधिमां तपस्या अंगे कंईक फरक छ / जेम केनमस्कार सूत्रनी वाचनामां आ स्तोत्र मुजवनी विधिमा 12 उपवासनुं विधान छे, ज्यारे चालु 10 विधि तेने बदले 12 // उपवास करवानुं जणावे छे / आ प्रकारनो जे फरक पडे छे ते अनुवादमा कौंसमां आपवामां आव्यो छे। चालु विधिमां-(१) पंचमंगल महाश्रुतस्कंधना उपधानमा 18 दिवसमां 12 // उपवास करवामां आवे छे / पांच उपवासे प्रथम पांच पदनी वाचना अपाय छे अने 12 // उपवासे छेल्लां चार पदोनी वाचना आपवामां आवे छे। . 15 (2) प्रतिक्रमण-श्रुतस्कंध (ईरियावहि, तस्सउत्तरी सूत्र )ना उपधानमा 18 दिवसमां 12 // उपवास करवाना होय छे / तेमां 5 उपवासे 'जे मे जीवा विराहिया' सुधीनी प्रथम वाचना अपाय छे अने 12 // उपवासे 'ठामि काउसग्गं' सुधीनी बीजी वाचना अपाय छ / (3) शक्रस्तव-अध्ययन (नमोत्थु णं सूत्र ) ना उपधानमा 35 दिवसमां 19 // उपवास करवाना होय छे / 3 उपवासे 'पुरिसवरगंधहत्थीणं' सुधीनी प्रथम वाचना, 11 उपवासे 'धम्म20 वरचाउरंतचक्कवट्टीणं' सुधीनी बीजी वाचना अने 19 // उपवासे 'सव्वे तिविहेण वंदामि' सुधीनी त्रीजी वाचना आपवामां आवे छे। (4) चैत्यस्तव-अध्ययन (अरिहंतचेईयाणं, अन्नत्थ सूत्र )ना उपघानमा 4 दिवसमां 2 // उपवास करवाना होय छे / 2 // उपवासे 'अप्पाणं वोसिरामि' सुधीनी वाचना आपवामां आवे छे। 25 (5) नामस्तव-अध्ययन (लोगस्स सूत्र )ना उपधानमा 28 दिवसमा 15 // उपवास करवाना होय छे / 3 उपवासे पहेली गाथा सुधीनी प्रथम वाचना, 9 उपवासे बीजी, त्रीजी अने चोथी गाथा सुधीनी बीजी वाचना अने 15 // उपवासे पांचमी, छठ्ठी, सातमी गाथा सुधीनी त्रीजी वाचना अपाय छ। (6) श्रुतस्तव-सिद्धस्तव-अध्ययन (पुक्खरवरदिवड्डे, सिद्धाण बुद्धाणं, वेयावच्चगराणं 30 सूत्र) ना उपधानमा 7 दिवसमा 4 // उपवास करवाना होय छे / 2 उपवासे पुक्खरवरदीवड्ढे सूत्र (पूर्ण ) नी प्रथम वाचना, 4 // उपवासे सिद्धस्तव तेमज वेयावचगराणं सूत्र (पूर्ण) नी बीजी वाचना आपवामां आवे छे।