________________ 40 ..गाथा पत्र विषय. ... 29 केवलिसमुद्धातनुं सविस्तर वरूपनिरूपण ... . .159-64 ... 29 बधाए केवलियो समुद्धात करे के न करे ? ए शङ्कानुं समाधान 160 / 30 उपयोगनां नाम अने मार्गणास्थानना उत्तरभेदोमां उपयोग 164 30 बार उपयोगमां साकार अने अनाकार विभाग 30-34 चौद मार्गणास्थानना उत्तरभेदोमां कया कया उपयोगो होय ? तेनुं स्वरूप 165-66 35 योगनी अन्दर जीवस्थान, गुणस्थान, योग अने उपयोगने आश्री ... मतान्तरतुं निरूपण 36 चौदमार्गणास्थानना उत्तरभेदोमां कई कई लेश्याओ होय ? तेनुं खरूप . . 37 मार्गणास्थानमा स्वस्थाननी अपेक्षाए गतिनुं गतिसाथे परस्पर अल्पबहुत्व अने मनुष्यादिनी सङ्ख्याप्रमाण विगेरे सविशेष ... .स्वरूपनिरूपण 38 मार्गणास्थानमा इन्द्रियनुं इन्द्रियसाथे अने कायर्नु काय साथे परस्पर अल्पबहुत्व 172 39 मार्गणास्थानमा योगर्नु योगसाथे अने वेदतुं वेद साथे परस्पर अल्पबहुत्व .40-42 मार्गणास्थानमां कषायनी साथे कषाय, ज्ञाननी साथे ज्ञान, संय मनी साथे संयमतुं अने दर्शननी साथे दर्शन, परस्पर अल्पबहुत्व 175-76 43-44 मार्गणास्थानमा लेश्यानी साथे लेश्यानु, भव्याभन्यनु, सम्यक्त्वनी :- साथे सम्यक्त्वनु संज्ञि-असंज्ञिनुं अने आहारक-अनाहारकनुं परस्पर अल्पबहुत्व 177-78 . 44 सिद्ध करतां संसारी जीवो अनन्तगुणा छे अने ते बधाए प्रायः आहारी छे तो अनाहारीथी आहारी असङ्ख्यातगुणा केम सम्भवे ? ए शङ्कानुं समाधान 179 तृतीय गुणस्थानाधिकार. .... 45 गुणस्थानमां चौद जीवस्थान- स्वरूप 46-47 गुणस्थानमां पंदर योगोनुं स्वरूप 179-80 48-49 गुणस्थानमां बार उपयोगनुं स्वरूप अने ते विषयमा कार्मः . 5. : प्रन्थिक करतां सिद्धान्तनुं जुईं मन्तव्य 180-82