________________ गाथा विषय ...13 भव्यमार्गणामां भव्य अभव्यनी व्याख्या 13 सम्यक्त्वमार्गणाना उत्तरभेदो पैकी वेदकसम्यक्त्वनी व्याख्या "138 13 सम्यक्त्वमार्गणाना उत्तरभेदो पैकी क्षायिकसम्यक्त्वनुं स्वरूप रूप .138 13 सम्यक्त्वमार्गणाना उत्तरभेदो पैकी औपशमिकसम्यक्त्व, तेना बे भेदो अने प्रन्थिभेदतुं स्वरूप .:139 13 सम्यक्त्वमार्गणाना उत्तरभेदो पैकी मिथ्यात्व, मिश्र, त्रण पुञ्ज अने सासादनहुँ स्वरूप ...141 '13 संज्ञिमार्गणामां संज्ञि असंझिनी व्याख्या 142 14 आहारकमार्गणाना भेद अने मार्गणस्थानमा जीवस्थान .142 14 आहारक अनाहारकनी व्याख्या अने चौदमूलमार्गणाना बासठ - उत्तरभेदोनां नाम 142 14-18 मार्गणस्थानना उत्तरभेदो पैकी कया कया भेदमां कयां कयां जीवस्थान होय ? तेनुं स्वरूप 142-46 अपर्याप्तसंझिने औपशमिक सम्यक्त्व न होवाना अने। होवाना मतनुं निरूपण 142-43 सम्मूच्छिममनुष्यनी उत्पत्तिना स्थानो... 144 बादर अपर्याप्तने तेजोलेश्या केम सम्भवे ? ए शङ्कानुं निवारण - 19-23 चौदमार्गणास्थानना उत्तरभेदोमां कयां कयां गुणस्थान होय ? .... - तेनुं स्वरूप 147-49 24 योगोनी सङ्ख्या अने मार्गणास्थानमा योग .. 150 24 सत्यमनोयोग आदि पंदर योगोनुं सप्रमाण खरूपनिरूपण . 150 24 कार्मणशरीर गत्यंतरमा साथे जाय छे तो केम देखातुं नथी ? ए शङ्कानुं समाधान तेजसने शरीर मान्यु छ तो तेने योगमां केम गण्युं नथी ? एनुं समाधान 24-29 चौद मार्गणास्थानना उत्तरभेदोमां कया कया योगो होय ? तेनुं स्वरूप 154-60 29 वैक्रियलब्धिवाळा अने मिश्रगुणस्थानवाळा मनुष्यतिर्यश्चोने वैक्रियना भारंभनो सम्भव होका छतां वैक्रियमिभ केम न 'होय ? ए शङ्कानुं समाधान :154 158