________________ 26 - गाथा विषय . 36 बन्धननामकर्मना औदारिकौदारिकबन्धन आदि पंदर मेदोनें खरूप .. 47 पांच शरीरना द्विकादिसंयोगोनी अपेक्षाए बन्धन छनीस थाय तो पंदर पंधन केम कहां 1 ए शङ्कानुं समाधान बन्धननी पेठे पंदर सङ्घातन केम न थाय? ए शङ्कानुं समाधान 37-38 संहनननामकर्मना वर्षभनाराच आदि छ भेदोनुं वर्णन 39 संस्थाननामकर्मना समचतुरस्र आदि छ भेदोनुं स्वरूप अने . वर्णनामकर्मना वर्णादि पांच भेदोनुं स्वरूप 40 गन्ध, रस अने स्पर्शनामकर्मना अनुक्रमे वे पांच अने आट भेदो अने तेनुं स्वरूप .41 वर्णादि चारना वीस उत्तरभेदो पैकी शुभ-अशुभ प्रकृतियोनो विभाग। 42 आनुपूर्वीचतुष्क, नरकद्विकादि शास्त्रीय संज्ञाओ अने विहायोगतिनामकर्मना भेदोनुं स्वरूप 43 आठ प्रत्येकप्रकृतियो पैकी पराघातनामकर्म अने उच्छासनाम कर्मनुं स्वरूप 44 आतपनामकर्मनुं स्वरूप 45 उझ्योतनामकर्मनुं स्वरूप 46 अगुरुलघु अने तीर्थकरनामकर्मनुं स्वरूप . 47 निर्माणनामकर्म अने उपघातनामकर्मन स्वरूप 48 सदशक पैकी त्रसनाम, बादरनाम अने पर्याप्तनामकर्मनुं खरूप पर्याप्तिशब्दनी व्याख्या, पर्याप्तिनां नाम अने एना प्रत्येक भेदतुं स्वरूप लब्धिपर्याप्त अने करणपर्याप्तनुं स्वरूप शरीरपर्याप्तिथी ज शरीरनी उत्पत्ति बचे तो शरीरनामकर्मनुं शुं प्रयोजन छे ? ए शङ्कानुं निवारण उच्छवासनामकर्मथी ज श्वास लेवानुं काम थई शके तो उच्छ्रासपर्याप्ति निरर्थक केम नहि ? ए शानुं समाधान 49 प्रत्येकनाम, स्थिरनाम, शुभनाम अने सुभगनामकर्मनुं स्वरूप 50 सुखरनाम, आदेयनाम अने यश कीर्तिनामकर्मनुं स्वरूप तथा प्रस दशकथी स्थावरदशकना विपरीतपणानो निर्देश अने सावरदशक खरूप 57 लन्धिअपर्याप्त अने करणअपर्याप्तनुं खरूप 3 56