________________ 820 न्यायकुमुदचन्द्रे न्यायकु०-न्यायकुसुमाञ्जलि: [चौखम्बा सीरिज | ___347, 349, 357, 376, 380,381, 384 काशी] 24, 98, 102, 159, 205,407, 386, 388, 401, 408,411, 416, 419, 444, 445, 489,496,497,513,516, 422, 431, 438, 442, 446-448,464, 518,536, 577, 579,580,588, 605, 467-472, 477,478, 481, 482,491672, 686,727. 493, 495-499, 509-512,514-520, न्यायकु० प्रका०-न्यायकुसुमाञ्जलिप्रकाशः [चौखम्बा 531-535, 537, 539-542, 544-548, सीरिज काशी] 2. 550, 553,561-564, 569, 570,573, न्यायकुमु०-न्यायकुमुदचन्द्रः प्रस्तुत ग्रन्थः 420,613, 574, 577,581, 583, 589, 593, 596, 633, 682, 685. 598, 661, 664, 689, 703-705, 708, न्यायको०-न्यायकोशः [ बम्बई युनि० सीरिज़ ] 723, 725,728,729, 731, 738,750282, 693. 752, 755, 757, 758, 761, 768, 809, न्यायदी०-न्यायदीपिका [ जैनसिद्धान्त प्र० संस्था 814,820, 823, 825, 831, 833-837. कलकत्ता] 25, 417,418, 435, 440. | न्याय० मा० न्यायरत्नमाला [चौखम्बा सीरिज न्यायपरि०-न्यायपरिशुद्धिः [चौखम्बा सीरिज़ काशी] | न्यायरत्नमा०, काशी] 419,423, 428, 31, 582, 726. 577,578, 593, 698,701-703,711, न्यायप्र०-न्यायप्रवेशः [ गायकवाड सीरिज़ बड़ौदा ] 714, 715, 742. 46, 69,434, 435, 588, 601, 679, न्यायमुखप्रकरणम्-तत्त्वसंग्रहपञ्जिकायामुद्धृतम् 435. न्यायप्र० ३०-न्यायप्रवेशवृत्तिः. 46, 333, 438, न्यायलीला०-न्यायलीलावती [ निर्णयसागर बम्बई ] 2, 60, 97, 109, 214, 228, 240, 278, न्यायप्र० वृत्तिपं०-न्यायप्रवेशवृत्तिपञ्जिका 2, 6, | 419, 443, 501, 512, 531, 729. .. 534, 536. न्यायली०कण्ठा०-न्यायलीलावतीकण्ठाभरणम् [चौखम्बा न्यायवि०-न्यायबिन्दुः [ चौखम्बा सीरिज़ काशी ] सीरिज काशी ] 282. 23, 24, 46, 47, 51, 69, 120, 166, | न्यायली प्रकाश-न्यायलीलावतीप्रकाशः [चौखम्बा 205, 370, 382, 435, 439, 444, 450, सीरिज़ काशी ] 241. " 462, 523, 528, 598,599, 627, 679, | न्यायवा०-न्यायवार्तिकम् [ चौखम्बा काशी] 16, 681, 853. 18, 21-23, 25, 28, 29, 34, 75-77, न्यायबि० टी०-न्यायबिन्दूटीका [चौखम्बा काशी] 79,82, 98, 99, 107, 109, 139, 156, 20, 23, 25, 26, 48, 50, 406, 419, 158, 194, 208, 224, 229, 269, 284, 436,438,487,523, 661, 680, 682. 295, 310-325, 328, 330-334, 340, न्यायबि० टी० टि-न्यायबिन्दुटीकाटिप्पणी [ बिब्लो- 357, 387, 406, 411, 428, 434, 462, थिका बुद्धिका रशिया ] 46, 140 525. 468, 496,512, 535, 536,559, 561, न्यायबो०-तर्कसंग्रहस्य न्यायबोधिनी टीका [ निर्णय- 562,564,569, 588,646, 667,703, सागर बम्बई ] 25. 708, 720,730, 738, 750, 757, 758, न्यायभा०-न्यायभाष्यम् [ गुजराती प्रेस बम्बई ] 833-836,838 2. 3, 9, 16, 18, 19-23, 25, 27, 28, न्यायवा० ता० / -न्यायवार्तिकतात्पर्यटीका 42,76, 79, 85, 97, 109, 127, 139, न्यायवा० ता० टी० [चौखम्बा सीरिज काणी 150, 156, 182, 193, 194,208, 220, 6, 20, 27, 29, 40, 46, 51, 54,56, 224, 234, 309-335, 337, 347, 348, 60-63, 75-77, 82, 98, 99, 107, 411, 496,503, 512,535, 536,539, 109, 129, 139, 156, 158,193, 194, 569,588, 6.1, 667,715, 720,750, 205, 224, 228, 229, 236, 295, 310, 824, 831, 834-836, 838. 313, 318-320, 323, 380, 408,409, न्यायम०-न्यायमञ्जरी [विजयानगरं सीरिज काशी] 414,419, 427, 428,438,442, 446, न्यायमं०६,७,१५,१६,१८,२०,२१,२४,२८-३०, 448, 450,461, 462, 496,516,518, 32-38, 41-55, 51, 54, 60-73, 77, | 519, 526, 534, 540, 559,560, 667, 79,82, 86, 18,107, 109, 125, 126, 708, 716, 738, 752, 758,761, 834, 129, 133, 139, 140, 147, 149, 153, 835. 155, 156, 158,159,166, 172, 177, न्यायवि०-न्यायविनिश्चयः अकलङ्गग्रन्थ त्रयान्तर्गतः 193-196, 201, 205, 208, 224, 240, [ सिंघी सीरिज कलकत्ता] 17, 40, 73, 259, 288-290, 310,312-315, 317- 93, 123, 129, 139, 166, 168, 171, 332, 334-337, 339, 340, 342, 346, 178, 185, 186, 189, 209, 227, 228,